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________________ [ १७ ] अध्याय प्रधानविषय २ १ –तुला, २ – अभि, ३-जल, ४ - विष, ५-कोश । ये दिव्य बड़े मामलों में किये जाते हैं छोटे व्यवहार में नहीं । १ तुला - तराजू बनाकर तोला जाता है जो तोलने पर ऊपर या नीचे जाता है उसकी विधि पुस्तक में लिखी है। २ अभि लोहे के गोले को गरम कर दोनों हाथों में लेकर चलना होता है जो शुद्ध हो उसके हाथ नहीं जलते हैं । ३ जल - नाभी मात्र गहरे जल में तीर डालकर धुलाना पड़ता है । ४ विष- शुद्ध को खिलाने पर उसे जहर नहीं लगता । ५ कोशकिसी देवता का जल पिलाने से उसको अगर चौदह दिनों तक अनिष्ट नहीं हुआ तो शुद्ध समझा जाता है (६७-११५ ) । २ दायविभाग प्रकरणम् पिता को अपनी इच्छा से विभाजन करने का अधिकार है (११६-११८) । पिता के बाद भाई अपने आप विभाग किस प्रकार से करे और जो धन अविभाज्य है उसका वर्णन (११६-१२१ ) । भाईयों का बटवारा और भाईयों के लड़कों का विभाग उसके पिता के नाम से होगा। जिन २० पृष्ठ १२८१
SR No.032669
Book TitleSmruti Sandarbh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages744
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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