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________________ । १ । अन्याय प्रधान विषय प्रवाह १० प्रवक्-पृथक् दान करने का विवरण जैसे अन्नदान, जलदान, गृहदान, बैलदान, गोदान, तिलधेनु, घृतधेनु, जलधेनु, हेमधेनु, गजदान, अश्वदान,. कृष्णाजिन दान, सुखासन (पालकी) दान, आदि का विस्तार बताया है [३-६] । भूमिदान, तुलादान, धातुदान, विद्यादान, प्राणदान, अभयदान और अन्नदान का वर्णन बताया है [ १०-१७ ।। अपूप (मालपुर) के दान का उल्लेख है, पृथक्-पृथक दान के प्रकार और उनकी महिमा [१८-२४] । गोदान का माहात्म्य, गोदान की विधि और बैल के दान की विधि बताई गई है [२५-४०]। उभयमुखी (जो गाय बच्चे को उत्पन्न कर रही है) उस दशा में गोदान की विधि और उसका माहात्म्य [४१-४५] । तिलधेनु दानविधि और माहात्म्य तथा विशेष सामग्री का वर्णन बताया है [४६७०]। घृतधेनु की विधि एवं उसकी सामग्री और उसके फल का वर्णन [७१-८६ ]। जलधेनु विधि और उनके फल का वर्णन [८७-१०३ ] । हेमधेनु, स्वर्ण की धेनु बनाने का प्रकार पूजाविधि और दानविधि तथा दान के माहात्म्य का उल्लेख है। स्वर्णधेनु की रचना किस प्रकार
SR No.032668
Book TitleSmruti Sandarbh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages696
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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