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________________ प्रा० जै० इ० दूसरा भाग उक्त दोनों प्रमाणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि उक्त दोनों धर्म प्रचारकों के अन्तिम समयों में ६ वर्ष का अन्तर है। भगवान महावीर की मुक्ति प्रथम तथा महात्मा बुद्ध की मुक्ति ( देह त्याग) पीछे से हुई है अर्थात ई० पू० ५२७ भगवान् महावीर का मोक्ष गमन है अतः ई० पूर्व ५२० भगवान बुद्ध का मोक्ष सिद्ध है। ___महावीर की आयु ७२७ की लिखी है और मोक्ष ई० पू० ५२६ में है अर्थात् उनका जन्म ई० पू० (५२६+७२) ५६ में होगा । इसी प्रकार बुद्ध भगवान की आयु ८०९ की लिखी गई है और मुक्ति ई० पू० ५२० में है, इस तरह उनका जन्म ई० पू० (५२०+८०) ६०० में हुआ माना जा सकता है। उन सब का सम्बन्ध निम्न प्रकार से हो सकता है। भगवान महावीर .. आयु | आयु. भगवान बुद्ध जन्म ई० पू० ५६ ० ० जन्म ईसा पूर्व ६०० प्रवर्तक धर्मोपदेशक दीक्षा .. संसार त्याग भिक्षकपन ई० पूर्व ५६८ . ३०. | २६ ई० पू० ५७१ ज्ञान प्राप्ति, कैवल्य प्राप्ति प्रवतकपन Attenment of Budha hood. (७) भगवान् महीवीर का निर्वाण ई० पू० ५२७ के अक्टूबर में है ( देखो टीका नं०.२७ इसके पहले अजातशत्रु १८ मास राज्य कर चुका था और महावीर निर्वाण के ६॥ वर्ष बाद बुद्ध निर्वाण है, अर्थात् प्रजातशत्रु ई० पू० ५२८ के अप्रैल में गद्दी पर बैठा और महात्मा बुद्ध का निर्वाण भी ई० पू० ५२० के अप्रैल में हुआ। .. . (८) सब जैन ग्रंथ एकमत हैं। . . . (6) देखिए टीका नं०५१.. .
SR No.032648
Book TitlePrachin Jain Itihas Sangraha Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1936
Total Pages84
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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