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________________ ( ४५ ) किसी कारणसे प्रतिमाका परिवर्तन हुआ है। ऐसा जान पड़ता है। ___ श्री आगम कुआं और शीतलास्थान-यह बहुत ही सिद्ध परम पवित्र एवं बहुत प्राचीन स्थान है। कुआँ बहुत विशाल है। लोगोंका विश्वास है कि आगम कुआंके जलका स्पर्श मात्र करनेसे कई प्रकार के रोग निर्मुल हो जाते हैं। अतएव भनेक कठिन बीमारीयोंमें उक्त कुएं का जल व्यवहार और सेवन किया जाता है। हिन्दू लोग उसे अनादि तथा स्वयंभूत मानते हैं, किन्तु कई एक ऐतिहासिकोंका मत है, कि इसका निर्माण सम्राट अशोकके समयमें हुआ था। जो भी हो, यह स्थान अति प्राचीन है, इसमें सन्देह नहीं। चैत्रसे आषाढ़ तक चार महीनोंके प्रत्येक कृष्ण पक्षकी अष्टमीको यहां मेला लगता हैं, जो बसिअवराके नामसे ख्यात है। इस अवसरपर नगर-भरके आबाल-वृद्ध नर-नारी यहां उपस्थित होते हैं। और दर्शन पूजनादिके द्वारा आमोद-प्रमोद करते हैं। __यह स्थान भी बहुत ही जीर्ण-शीर्ण हो गया था, किंतु बीस वर्ष हुए, कि बिहार-सरकारके द्वारा इसका जीर्णोद्धार किया गया है। जीर्णोद्धारके समय ठेकेदारको बड़ी कठिनाईका सामना करना पड़ा था। पूर्ण परिश्रम तथा यत्न करनेपर मो तीन दिन तक पानी निकालनेवाली मशीन न चल सकी थी। पीछे बहुत पूजा-पाठ और अनुनय विनय करनेपर मेशीन चलने लगी। भाउ दिन तक दिन-रात मेशीनके चलनेपर मिट्टी निका..
SR No.032643
Book TitlePatliputra Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuryamalla Yati
PublisherShree Sangh Patna
Publication Year
Total Pages64
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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