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________________ ( ३ ) यह नगण्य हैं। वर्त्तमान समय में इस नगरका क्षेत्र - फल... १८ वर्ग मील और जन-संख्या १६५१६२ हैं । यह विहारकी राजधानी और व्यापारका स्थान है । यहाँ बहुत से इतिहास - प्रसिद्ध प्राचीन दर्शनीय स्थान हैं, जिन्हें देखने के लिये बहुत दूरदूर से लोग आते हैं । इसका विशेष विवरण 'पटनेका दृश्यवर्णन' शीर्षक लेख में लिखा जायेगा । पटने का निर्माण-काल सुप्रसिद्ध पाटलिपुत्र (पटना) का निर्माण कब और किसने किया, यह ठीक-ठीक बतलाना कठिन ही नहीं, असम्भव भी है । क्योंकि कवि कालिदासने अपने रघुबंश नामक महाकाव्य के ६ ठे सर्गके श्लोक २४ वें इन्दुमतीके स्वयंवर की वर्णना में "अनेन चेदिच्छसिगृह्यमाणं पाणिं वरे रायेन कुरु प्रवेशे प्रासाद वातायन संश्रितानां नेत्रोत्सवं पुष्प पुराङ्गनानाम्” पुष्पपुर के नामसे पटनेका उल्लेख किया है । स्वयंवरा महारानी इन्दुमतीका विवाह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्रजीके पितामह महाराजा अजके साथ हुआ था। इससे श्रीराम-चन्द्रजी के शासन कालके पूर्व में पाटलिपुत्रका होना निश्चय है। इसके अतिरिक्त महाभाष्य में “अनुशोणं पाटलीपुत्रम्" महाभारत में "राजानन्दकी चाणक्यके द्वारा पराजित होने की
SR No.032643
Book TitlePatliputra Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuryamalla Yati
PublisherShree Sangh Patna
Publication Year
Total Pages64
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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