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________________ अपनी बात प्रस्तुत पुस्तक "इतिहास में भगवान महावीर का स्थान" आप के समक्ष द्वितीयबार उपस्थित करते हुए परम हर्ष होता है प्र० वि० जैन मिशन द्वारा जितने भी ट्र ेकट छपे हैं उनकी समाप्ति निकलते ही हो जाति है और उनकी मांग बराबर बनी रहती है। यह सब विज्ञ व जिज्ञासु पाठकों की सड़ भावना का फल, और विवेकशील विद्वान लेखकों की खोज पूर्ण सामग्री का लाभ है | परमपूज्य श्रद्ध ेय स्वश्री १०८ श्राचार्य नमिसागर जीमहाराज के जो प्रवचन दि० जैन कालेज बड़ौत ने १४ अंकों में छपवाकर वितरण किये थे वह भी इसी प्रकार हाथों हाथ समाप्त हुए और जनता की मांग हम पूर्ण न कर सके । इसी प्रकार आपके मिशन के ट्रैकटों की मांग की पूर्ति की हमें विला है । यदि श्रापका सहयोग हमें अर्थ पूर्ति सहित मिलता रहा जैसा हमारे मान्य ला० रोशनलालजी जैन बजाज बड़ौत की सह प्रेरणा से यह खोज पूर्ण पुस्तक ला० मंगल सैन फकीरचन्द जी जैन बढ़ौत ने छपवाकर हमारे हाथों में पहुँचाई है इसी प्रकार आप भी हमें खोज पूर्ण ट्रेक्ट छपवाकर प्रदान कर सकते हैं आशा है आप अपने दैनिक खर्च में से जिनवासी प्रचार में हमें अवश्य सहयोग देकर अनुग्रहित करेंगे । बाबूलाल जैन जमादार दिग्म्वर जैन कालिज बड़ौत (मेरठ) ८-४-५७ ई० मुद्रक:- गोपाल प्रिंटिंग प्रेस बड़ौत (मेरठ)
SR No.032638
Book TitleItihas Me Bhagwan Mahavir ka Sthan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJay Bhagwan
PublisherA V Jain Mission
Publication Year1957
Total Pages24
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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