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________________ ४-जिनेश्वरसूरि के शास्त्रार्थ का विषय ५-जिनेश्वरसूरि के शास्त्रार्थ का समय ६-जिनेश्वरसूरि को खरतर विरुद ७-क्या जिनेश्वरसूरि के पूर्व भी खरतर थे ? ८-चैत्यवासियों का परिचय ९-चैत्तवासियों की विशेषता १०-प्रभाविक चरित्र में जिनेश्वरसूरि ११-दर्शन सप्ततिका में जिनेश्वरसूरि १२-जिनवल्लभीय प्रशस्ति में जिनेश्वसूरि १३-ऋषभदेव चरित्र में जिनेश्वरसूरि १४-मुनिसुव्रत चारित्र में जिनेश्वरसूरि १५-बाबू मन्दिर का शिलालेख १६-संघपट्टक की टीका में जिनेश्वरसूरि १७-वीर चारित्र में जिनेश्वरसूरि १८-गणधर सार्द्धशतक में जिनेश्वरसूरि १९-धन्नाशालिभद्र चारित्र में जिनेश्वरसूरि २०-द्वादश कुलक में जिनेश्वरसूरि २१-श्रावक धर्म प्रकरण में जिनेश्वरसूरि २२-प्राचार दिनकर की टीका में जिनेश्वरसूरि २३-आचारांगसूत्र की दीपका (जिनहंससूरि) २४-जैसलमेर का शिलालेख १-२ २५-ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह ख. प. २६-खरतर पट्टावली २७-राजा दुर्लभ के राज का समय
SR No.032637
Book TitleKhartar Matotpatti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala
Publication Year1939
Total Pages166
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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