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________________ * नकल श्रीनाथजी श्रीजलन्धरनाथजी संघवीजी श्री फतेराजजी लिखावतो गढ़ जोधपुर, जालोर, मेड़ता, नागोर, सोजत, जैतारण, बीलाड़ा, पाली, गोड़वाड़, सीवाना, फलोदी, डीडवाना, पर्वतसर वगैरह परगनों में ओसवाल अठारह खांपरी दिशा तथा थारे ठेठु गुरु कँवलागच्छ रा भट्टारक सिद्धसूरिजी है जिणोंने तथा इणारा चेला हुवे जिणां ने गुरु करी ने मान जो ने जिको नहीं मानसी तीको दरबार में रु० १०१) कपुर रा देशी ने परगना में सिकादर हुसी तीको उपर करसी । इणोंरा आगला परवाणा खास इणा कने हाजिर है।। १-महाराजाजी श्री अजीतसिंहजो री सिलामती रो खास परवाणो सं० १७५७ रा आसोज सुद १४ रो। २-महाराज श्री अभयसिंहजी री खास सिलामती रो खास परवाणो सं. १७८१ रा जेठ सुद ६ रो। ३-महाराज बड़ा महाराज श्री विजयसिंहजी री सिलामती रो खास परवाणो सं० १८३५ रा अाषाढ़ बद ३ रो। ४-इण मुजब आगला परवाणा श्री हजूर में मालूम हुआ तरे फेर श्री हजूर रे खास दस्तखतो रो परवाणो सं. १८७७ रा वैशाख बद ७ रो हुओ है तिण मुजब रहसी।.
SR No.032625
Book TitleJain Jatiyo ke Gaccho Ka Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala
Publication Year1938
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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