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________________ 'अधो गच्छन्ति तामसाः ।' - श्री कृष्ण मोक्ष मार्ग उपर जाता है, नीचे नहीं । यह निर्विकल्प सत्य है कि हम अविच्छिन्न धारा के संतान है। पहले यह निश्चित करो : हम इन्डीअन है कि भारतीय ? अगर भारतीय है तो भारत शब्द कहां से आया ? भारती मतलब निर्मल प्रज्ञा । विज्ञान अन्य से मिल सकता है, निर्मल प्रज्ञा नहीं मिल सकती, यह है भारती जिस की उतारे हम आरति । भारती, लक्ष्मी, भैरव, क्षेत्रपाल, कुंकुम, अक्षत, माला, चैत्य, देवालय, गुरु, भगवान, गंधर्व, स्वर्ग, विद्याधर, कैवल्य, निर्वाण, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष सभी यहां जैनों में और वहां (हिन्दु संस्कृति) है । ___यह पूरी कल्पना केवल आदिनाथ के संतानो में हो सकती है, वहां नहीं । फुटे हुए ढोल में ऐसी ध्वनि पैदा नहीं हो सकती । जमीन, राज्य, सीटें, धन, बांटा जा सकता है, चेतना व धर्म बांटा नहीं जा सकता, यह अखंड है। ओंकारं. श्लोक का कोपी राईट हो सकता है क्या ? तिलक, माला, पीतांबर, चोटी (दोनों की कट गई) सब दोनों में समान है । सतीत्व, संयम, ब्रह्मचर्य, इस्लाम में नहीं हो सकता, यहीं हो सकता है । कुंभणदास और तुलसीदास ने अकबर के यहां आने के लिए मना कर दिया था । यही आर्य संस्कृति की बुनियाद है। धोती, कपड़ा, साड़ी, सौभाग्य, सिन्दूर, मंगलसूत्र, भाषा, संस्कृत, प्राकृत, ओंकार - इसमें कहां फरक है ? ___ हरा झंडा है, वह इस्लाम है । लाल झंडा है, वह हिन्दु है । क्रोस ख्रिस्ती का, चांद - तारा इस्लाम का, हथोड़ा कम्युनिस्ट का प्रतीक है । • यह वैदिक संस्कृति हिंसक नहीं है । आकाश में * * * * * * * * * * * * * २७५
SR No.032616
Book TitleKahe Kalapurnasuri Part 04 Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShanti Jin Aradhak Mandal
Publication Year2006
Total Pages452
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size12 MB
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