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________________ लट्ठ वन संसेइम वर्ण शब्द पत्र-सूत्रांक शन्द पत्र-सूत्रांक शब्द पत्र-सूत्रांक १३-९७ वेष्टिम ९-६२ सहस्सक्ख ३-१३ वैकक्षिकासूत्र ९-६२ संखाण २-९ लष्ट ८-५७ वोच्छिन्न १३-९२ संवादत्ति १८-२५१ लासक १३-९७ व्याल १०-६३ संखिय १५-१११ लिप्त १३-९७ शक ३-१४ संघातिम लेच्छकिन् शक्षिका ३-१४ संतरुत्तर १९-२५६ लोणासायण १८-२५१ शरम संपुण्ण १२-९२ वक्षःसूत्र ९-६२ शान्त १५-११६ संबाह ११-८४ वद्धमाण १५-१११ शान्तिगृह ११-८४ संबोक्कावर्त २०-२७२ ११-८४ शिक्षा १८-२४६ वनषण्ड शिबिका ११-८४ सारए २-९ १२-९५ शिला ११-८६, १५-१११ सार्थवाह ९-६२ ववणीय १२-९२ शिलाप्रवाल ११-८६,१५-१११ सिक्खाकप्प २-९ वंजण शिव ६-३३, १४-११० सिंघाडय ११-८४ वागरण शुल्क १३-९७ सुद्धवियड १८-२४८ वाघारिय १९-२५६ शैलगृह ११-८४ सुवर्ण ११-८६, १४-१११ वारए २-९ श्रेष्ठिन् । ९-६२. सेउय ११-८४ वाहन ११-८६, १४-१११ सहितंत २-९ सेनापति ९-६२ विजयवैजयिक १३-९७ सतक्कत २-१३ सोचीर . १८-२४८ विज्ञान २-७, ६-५२ सत्कारित १०-६६ सौमनसिता २-६, ६-५२ वितत ४-१४ सन्धिपाल ९-६२ स्थितिपतिता १४-९९ वियडग १८-२४१ सनिवेश ११-८४ स्यन्दमानिका १४-१११ वियडगिह १९-२५७ सन्निहिसनिचय १०-८४ हरतनु २०-२७३ वियावत्त १६-१२० सपडिदुवार १९-२५९ हार ८-६२, ४-१५ विसाएमाण १४-१०१ सभा ११-८४ हिरण्य ११-८६, वीणिक १३-९७ सम्म २१-२८६ १२-९५, १४-१११ वीसाथ २-६, ६-५१ । सम्म १७-२२५ हृष्ट २-६,६-५२ वेच्छीसुत्त ९-६२ सम्माणिय १२-९२ हृष्टतुष्ट २-६, ६-५२ वेलम्बकप्लवक १३-९७ सयपाग ८-६१ होम
SR No.032597
Book TitlePavitra Kalpasutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Bechardas Jivraj Doshi, Sarabhai Manilal Nawab
PublisherSarabhai Manilal Nawab
Publication Year1952
Total Pages458
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & agam_kalpsutra
File Size26 MB
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