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________________ 30 32 ल ल 34 36 38 40 A2 46 AS $ 52. 54 56 ii, b लाली ग पवनाखाद गा कुमतिविक्रमानी ना नसामा जान दे व काला युवा सीपमा मनसुनी न स्पधत सर्व विशिमात्री मी लाम विसाली पाणितलाइ जति सहसा वसा शिवाशी प्रकट ग पापप्राकापून श विद्याथी का वकुलतिलक समुदायात व शिवतुडविलवा देवनृपाः सप्राशदधिकत्रिषुतुमेषुको वायसराय काले मात्र मे मत व मामाममा वा स्थानानसेवा मापाशी गोकामना मनपानेनमदेशमा वे पसीना समानतनदि पोषाकक लतखान माना नमन गुलक्षणी सर्वापगाडि नाम ग्राम ज 222 30 32 34 36 38 40 42 44 सर्वजमसापचयामास वस दासी कल कमलेति तस्थत कसबाशी देवी चालता कि पूर्व ग्राम नूपतिः प्रादादा दात दा 52 नोम्स वन ताम्रशासन पातु समाज्या सेतु 50 २ काले काले पानी यात वद्विः स बीजे नानाविनः पाि साझा ते रामपत्री वा मानव बलि वर्ष सदागविते किमिः मलाविशतिको योद्यानासुद्धा मासु तुझा सोम नाम विदुषः ही मनात नितिशासन उप्पल से तुलादि बानिया गिना लिख 56 नयनजशासनं वज्रपा उद्या ॥ मैवाल महासी 54 वजना ड्यनिष 46 48
SR No.032588
Book TitleEpigraphia Indica Vol 34
Original Sutra AuthorN/A
AuthorD C Sircar
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1961
Total Pages384
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size20 MB
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