SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 83
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - - -- - व्यापारकोप सहित यो सिप विक र सदा दायर एक्सा पास वा काहि यह सामान किन्न पलाय: रसायसिदिता रद ट पाय सः सदर माला कुत्वः 38सटीमा पर्य : किपाकाली पहा मानीसासुरादापत्रयकर मार गुवाल व किलिम (क्यानका कुंत्यात लसुमाकालीः आसार उस छ र ती नावा याममोड मनाई व दरामध्यमहाया राईन लोशामा दिनदिई मि पाल पालाय नवाजुमका अदा मासाश्व पति पदवावा । याबार कवि धामी गटीरताश याना हायाबुपालवतात घाला । वारिसुवाटुक्रा माउ टि स ग पारिदिः यमाय टया ये सारे मिस्सा नया तरा पत्य ।तबार रामदारला सा मा गोयिंच मानस तुर्क या ला काले काले पालकी यादय सिवा निगादाविलम्पाविद्या यास्यो यात ते मानद । मग उपां पयमन वाले डावे वा सूर्यमुकामगाय: लिक्विय कर दिदाय: कात गाव महीनदया गयवहाक पर वाहन हलवलासरा। 46 सित गदंगुन तलाशत्व पावनगा यानवविकनिकलद कला बलाल माल विहनाल. पला रु घिरता दर दि शंकप्त पक्कि लामावा स्वतंगति ही निरास मासीवादा 48 वरयससमोना किराया मात्पु ( संतत्यामला हा पत्ता नदिलादमी तिला शायरादि रामा कैदा भारत मा परि माहाका तकारमाप पाकिस्ख समु। so रणदिर गवतावर पासवासनाचघरम्यालवया 50 यादाता कम गीत का दिन के तसे गंगा वि वाटवी पता 520 काट मासिक पाया हलाया महरा बदसलायम 52 लायक कमाइमिदा नसावाका नाममा में पाया वाटर सरसफल ।। रहरलां परीयार नवागवानी रस राना पीछा किवि में लगने वंस गार वार्यतामिया मगर दिमत्रो माया विद्यालया। पारादि (परिभायानीहरतालिममा किवम्मीद गरी मनी ला कर्मालाin तिमामा की आमसा:पुनसानामविकलरला पुलाला मियमसी। महुँचा जीवित । सतिविमलमनोस्निा में भी निहि.पुकाध पर की या किल्ला पाखा कर पालिकाला. ही तवाय नमविषायलाचता विनर (क्क छु (व मता व नुहा कायस्था। 60सान कलापियामा वायसम सपरया घवम् कानहाय लिसित कामिरेमा यक प्रमाण वसपन परक महान विभाउदा पर कालवछत्रय.पा. दादा ठडा (कास । 62.याय वा हा हाली मुगनपा अयायो नववार या नुकीलकमुगोलमा धमालयावावशी का गलानियादा समय काकस यासपमा (मामलामा मःकाला एका (3 व नाई वादावी दनादन येत्यांकरसमी मुंहमीपत्रपतिध्ययनःपनामामायाका दरवा मायकारतका कसुसाइदिवा पसागरमानावरसायुकास साधायावहीवाकरगपत्र नामक पाका कला(विवाहाहायकदिवालकलावावानदासमुस्सयाकवनगुहग 66 सालकमागम बायपापसाचारविराममलमाखकहासुरूया कामगसमस्यावयाय
SR No.032586
Book TitleEpigraphia Indica Vol 32
Original Sutra AuthorN/A
AuthorD C Sircar, B Ch Chhabra,
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1957
Total Pages512
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size33 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy