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________________ पोतमञ्चते पुढा बाता व जाग 'हरित का लिासतदनि: 1 बड तितिरीय विहितपसनातम सुनास सुतमवधाते तिनी का स्यष माधव स्व उत्त के मूल देवगतितिरी व्य भूमि क्युवाच पावत विनाय श्रतितिरीय वा श्वप तार डॉ डा. हरिहर बाहिरी यादव रात में लमु तापीति 100 मिरी यादवराव नारायण सुनवाड (स्वः तितिरीय वासना गावचनप मानवाने तिरीय की डिन्यड किपरिमल व यावर किंवा गत गारवा निरीयवासिष वा उदेवश्चन्त हमारा तितिरी 104 पाए कम गोवि२) द्वारा ग का पल स्त्रीरागब्रह विसार हा डा. माधव कृपा. (ए) बड़वार ठाडाना मन मुततमः तिरुव को डिम्परा विश्व नाव बाद कौडिन्याधनमषिधान यारा मां सदवगतख कारण परमसूदन सुतु के विहसित समोर तनाब व विश्वामिनामा कोयिका समतल गाधनः। वव ववामाघूम (एको थिकसों मनातनीलक बहता मदवस या हार। झाँद समाधाराः पूर्वतःल दही से पागीय मतः या लागों नागों उत्तर राधाविना रिंग परमतत्रमिवात ममावर्तनश दिनाथ धर्मास र फलायः गत पाँस टोल सिद्धिदेव नगण्य विनापि सं फलांब इनिर्वयुव नाराज नगरादितिः। यदातु मिश्र तराफलस नाविनः पाववडा न्यान्यो यावे ते रामचंद्रः सामान्या जसे जस ला काले का तेपा लनीयो नवह्निः महँ राजाः परमंदी शुजावी पापा दपतमन सोनुविता विनृपाः। ये पालयति ममद म में समग्र तेल्याम या पिडि लिरेषमू॥ि अपहरतः समधी परुक युवतए विपनीलमा अकामिकानि कामका कमला दावर कमातेतियाचदा तुतप्रवासद ताप दे यातायात सं रोषष्टिवर्षसमाविष्टाया जायते किमिः काकादिनः कृत सपायांतच योगनानां समन्तान पनितान सदा सन्मार्गात संवाद त 96 98 160 102 106 108 110 112 U 114 116 118 120 122 124 500 126 वीधनीया पहा तदेतद्राजा 96 98 102 104 106 108 110 112 114 116 118 120 122 124 126
SR No.032586
Book TitleEpigraphia Indica Vol 32
Original Sutra AuthorN/A
AuthorD C Sircar, B Ch Chhabra,
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1957
Total Pages512
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size33 MB
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