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________________ 248 EPIGRAPHIA INDICA. [VoL.XII. 3 व-अर्जन-के संतान तुरुकान हस्तिनापुर छाडि पोरंगल-के राजा भए "] ते वंश-मह काकती प्र4 तापकद्र नाम राजा भए जे राजा शिव-के पंश नउ लाष धानुक के ठाकुर जे-के राज्य सुवन वर्षा भै ते रा6 जा-के भाई अवमराज 'वस्तर-मह राजा भए ओरंगल छाडि-के । ते-के संतान हमीरदेव राजा भए 6 ता-के पुत्र 'भैराजदेव राजा ॥ ता के पुत्र पुरुसोतमदेव महा(हा)राजा । ताके पुत्र जैसिंहदेव राजा 7 ता-के पुत्र नरसिंहरायदेव महाराजा जे-कर महारानी लछिमादेई अनेक ताल वाग करि सोरह महा8 दान दीन्हे ॥ ता के पुत्र जगदीशरायदेव राजा । ता-के पुत्र विर नारायणदेव महाराजा ॥ ता-के पुत्र 9 वीरसिंहदेव देव नाम धर्म-अवतार पंडित-दाता सर्व-गुन-सहित देव व्राम्हण-पालक चंदेलि10 नि वदनकुमरि महारानी-विर्षे दंतावला-के प्रसाद-तें दिकपाल देव पत्र पाए । 'शतसठि वर्ष रा(स)11 ज्य करि दिकपालदेव देव-कहं राज्य सौपि-के वैशाषी(खी) पूर्णिमा-मई 'प्राणाया समाधि वैकंठ गए । 12 ताके पुत्र स्वस्ति श्री महाराजाधिराज सकल-प्रशस्ति-स[हित] पृथराज के अवतार 'वुद्धि-गणेश 18 'वल-भीम सोभा-काम पन-परशुराम दान-करण अर्जुन अचल-सुमेरु सील सागर रीम-कु(न)14 वेर तेज-पौन षोझे -यम प्रताप-प्रगिनि पांडा' धरें निररिति सहघो धरें वरुण सेना-सरदार ई. 16 द्र वध[देत महादेव पाचार-व्रम्हा विद्या-सेसनाग एक भांति दस दिवा पाल के गुम जानि पंडित 16 वामन दिकपाल देव नाम धरे । ते दि[क]पाल देव विवाह कीन्हे वरदो के चंदेल राव रतमराजा-के कन्या of IRead लाख. • Real afs. in शत. • Read प्राणायाम • Read खौमे. Red बसर. Read भैरवराज Tho y which is added at the end of the line after T is perhaps meant as a correction • Read बुद्धि - Read ब.. •Bend खांडा.
SR No.032566
Book TitleEpigraphia Indica Vol 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSten Konow
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1913
Total Pages464
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size25 MB
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