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________________ Dantewara Sanskrit inscription of Dikpaladeva.—Samvat 1760. शाबीर तावलाईवीजयतिगानी सीमित शपीडवानि.कुलको कतीताप रुटुना ठा रानाली र गलदेशसमभवनायस्पदण्याना चावलाचतुचराचिनायिवाशाप्ततिकाकतीयदाअभवता छापामग्रहारपी डाकचकेने करंगलीचमानास्यकदास्वमातृ4 विसं जातीपद वात॥न राजस्यशिवसायुज्यात त्याला तान्न समजतामाधवनन यातनिरशंपरियडकार निकटवतरदशा जो वकार निरर्का है मिरवत मारागजातहातनामस्वराजदेवता। माताजात सचिरोज वामदेवाततधाजनहिरादेवारा जातातभारमिवातानातानशाततधाजगदार देवाजात पति-मायादेवीमे हारा लोजानधाता पृचःसनप्रशारतसहितररथ 10 Conा यस्तानचंडशज महाराझीविदमक मारिदेवी सहितसाति तिलि कति सिहद देतीम हा नाटिक्वावधि परिपात्यत्रक DAI नसकी विधि विल्दावलीविराजमात्मा दीनतासमरसा इसाक मावदारिन्प्रतिमहा कालापनदाद्दडाकोट 14 पंडिताहतिकाहिला हीन मामुटुमा परमहिषी महारासाभ जमार बीमारमिता श्रीनागवानगुरुमंत्रीपदैरीसनातन 16 मी रजवारअछादसति पापक्षपातकुमागास्वलिनी हाराजाधिराजोदिकपाली देवोययावसामानवविधिनिम्फटका 18 महीपाल यातिन चकमा घुस्वामिजमनसताक्लासमागता का बजाजातnaariमहिवाशरी - तितोपता है की निव० श्रोशितोद मकर हत्पलिखित्कातिर वादनारक दिकपाल देवसद जपानुनविनाकाल मचतामावरियालिवितला जवानमिनभावलवार 16. S. KONOW. W. GRIGGS & SONS, LTD., PHOTO-LITH. SCALE 4
SR No.032566
Book TitleEpigraphia Indica Vol 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSten Konow
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1913
Total Pages464
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size25 MB
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