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________________ 72 EPIGRAPHIA INDICA. No. XXVIII. L. 1. भी। सं . [4]८४ माघ वदि ५ शुक्र श्रीमत्यत्तनवास्तव्यचीमालज्ञातीय जसपालपौत्रण पि१. तु राणा मातृ ठ सी [बुधयो इर्थ] ठ धाधाकेन श्रीपादिनाथविवं खत्तकसहितं कारितं ॥ ___No. XXIX. L.1.1ों । संवत् ११८६ वर्षे चैत्र शुदि १५ दिने दक्षणदेशे देवगीरीनगर 2. वास्तव्यत्रीमालीजातीयलघुभाषीय साहा तुकजी भार्या बा तेजलदे 3. सूत साहासुजी भार्या बार हासलदे लघुचाता सा बहुजी सा देवजी 4. भार्या बार चछादे देराणी बार देवलदे पू[पु] व सा धर्मदास भगी[गि]नो बा b. कुपरि प्रमुखसमस्तकुटंब श्रीविमलाचलनी यात्रा करीनि 8. श्रीपदबुद पा---[या] सादनो मंडमनो की ३ सहीत फे7. री उदार कराव्यु-----हारक [वो] ------- [रा ज्ये 8. तत्यालंकार [श्री] ----------[बी]-----[भ्य] । 9. पंडितोत्तम श्रीह----मुपदेशात् शुभं भवतु ॥ No. XXX. L. 1. संवत् ११८५ वर्षे वैशाख शुदि ५ बुध शाके १५५१ प्रवर्तमाने श्रीमलसंधे सरस्वतीगछे ____2. बलात्कारगणे श्रीकुंडकुंदाचार्यान्वये भट्टारक बीसकलकीर्तिदेवास्तत्पडेभ श्रीभुवनकीर्तिदेवा. स्तत्व में बीजानभूषणदेवा 3. सत्य भी श्रीविजयकीर्तिदेवास्तपट्टे में श्रीशुभचंद्रदेवास्तत्प भ श्रीसमतिकीर्तिदेवास्तत्व म श्रीगुरकीर्तिदेवास्तत्व में श्रीवादिभूषणदेवास्तत्पडे में श्रीरामकीर्तिदेवास्तत्पम श्रीपझनंदिगुरूपदेशात् पातसाहबीयाहा 4. व्याहाविजयराज्ये बीगूर्वरदेथे श्रीपदावादवास्तव्यदुंबडजातीयवृहकाखीयवाम्बरदेशखांतरीयनगरनौतनभद्रप्रासादोवरणधार जाडा सं° भीजा भा सं° लकु सु संवस्ता भा” सँ रबादे तयोः 5. सुत ब्रह्मचर्यव्रतप्रतिपालनेन पवित्रीकतनिजांगसप्तक्षेत्रारोपितस्वकीयवित्त सं लटकण भा सं° समतादे तयोः सुत निजकुलकमलविकाशनकसूर्यावतारः दानगुणेन नृपतियांससमः श्रीजिनबिंबप्रति 6. हातीर्थयाचादिधर्मकर्मकरणोत्सुकचित्तसंघपति श्रीरबसी भा सं° रूपादे हितीयभा में मोपदे तृतीयभा सं° [थ रंगदे हितोयसुत मंधवी श्रीरामजी भा सं° केशरदे तयोः सुत संघवी 7. डुगरसी भार्या सं°डाडमदे द्वितीयसुत संघवी [रायव]जी भा सं° गमतादे [एते सर्वे] महासिघोष योग[जयनाबि गिरौ श्रीजिनप्रासादे श्रीशांतिनाथबिंब कारयित्वा नित्यं प्रणमंति । शुभं भवतु [0] No. XXXI. L. 1. । घा॥ भहारकपुरंदरभष्टारकत्रीहीर2. । विजयसूरीखरगुरुभ्यो तमो नमः तत्3. । पहप्रभाकरभट्टारकत्रीविजयसेन On the base of a Chaumukha image in a small temple, west of the great Adlivan Bhagavan; Lista, p. 198, No.114-N.B. WInthenbrine of " Bhimadeva,"-the great rock-eut image,-on the wall beside the doorway.-J.B. ' in the Digambara temple, in a small court to the north-east of the great Adlivara temple; Liste, p. 202, No.997..B. Beside the doorway of the Beshakota temple, facing the south door of the great Âdiivara temple.; Lists, p. 137, No.97.-J.B. .
SR No.032556
Book TitleEpigraphia Indica Vol 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJas Burgess
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1894
Total Pages596
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size19 MB
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