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________________ 7 10 13 16 19 22 25 28 BENARES COPPER-PLATE GRANT OF KARNADEVA-PLATE I Epigraphia Indica, vol. II. ॐ नमः सिद्धनाय कवि सर्वकाल (साकोस एक समय सिमाल समासाद प्रतिदि काउसतिमितमा वातावमिततामा सीताद जातिपात प्राविलासादितः पावसातली कामया सोमवाजता दिया विकासापाकला सामा(कोल पायाका मनिशा आकृतिगमादयराज जाति है वादा का हा तसा मुदती मुनयः प्रति पाटालगायत जाती विमा कमलामाइ मतमता बाकायदा सडक माता मंत्रकरणमा (ऊजी का मजमा जा शहादतुः ददताम सावरता साकारापतिमा जाउला राज- 10 मृदुद्रा पिकाला दिवसा गावाला या लोपरि गाहा गदित ककरालाका समस कामात द्यावर्त (1) राति पयाग्राम यादव मित्राय वाय। इदद्वय सकल (नामा रास्कामानमादवरमादितः॥ ततवाद व लावव का वल (ववदिकत पिकाला मामला गाकरीता वह्निः। वा विमासंग मुझे की सः सातामा मसाल दिखा अमितनाव आता पावती (रामद, अमता सुखा जि॥ यः मतास ( ( ( हामी (या मायया तात रा विवरायका विद्यजीत सकारुकःपान विवि मा हावा सहाराला प्रानादव सकलदुवक तलातलकायत काला (जनकपिक लिगा (पीसो (जापानगता गामाता या कलास राऊलाल (सपल पल मागवावस्त्यानामवयवाद। सात संपात विसरू यति मात्राना यातयातको तु का कल्लादिवो व तिवा मला दमतात 281 जंग का मत तालतः काबा के एमान यात या रहा वहसको साखल केलाय का सिवा काकू लावाममकल का पदको हालत द्वारा गावादवानानायकवले र मुखका काय काय गुलाल का महल का दमदाः। खात्यता न्यास न मानिस मातमा एक सिम कला संगनिक दाद तिला पदावर पहा (निवा
SR No.032556
Book TitleEpigraphia Indica Vol 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJas Burgess
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1894
Total Pages596
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size19 MB
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