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________________ RASHTRAKUTA GRANT OF GOVINDA-SUVARNAVARSHA - SAKA855. उतिबला सोटि टिमुर तात्मन्सनसती तताउरागाग्रामवालियः कासार कार पातकालागस पास लीलाइट सापाला कावयूठा सुतमरनदासाश छातपदाद लाव की सिार तिल शिपाई तय लाई म सामाय पहिरनमतावास (साबाडापत या तस्या हरकत्र गुट दे मदिः कीरास्य सितिमहेशपताना। यायसवरियाललले नीति (शावरिति लिदायरलताचमिततपरत्वदा वाशितदलयाशा जुपतिनात जसवस्ववियु गाडी यकलवियत्त व एक (पारिय यामालियान पिटश उदयी नीतीपसिंहासन पापी गभिवारिका पहिलो लप पाजस्ता त्याह कर पुकारतति समय वीरता प्रसाद याप्टः सकलें। का हितलास्यदादिमा कालयाठतरमा मादशाहार र लुदि नित्यात त्वयनास (पाषामाकः ययाति दलकातालारतवनयातनवीन हिउत्तम कुवसतत रिसतना। रातानुदानिलयमायरमामाया याद्यालयपि पथित समुद(तर मुनगाहुँसाहनिपनि हे विस कलमलामागाशातत्यादनदनितादलकर खाता यतादेरिल्या जातमाशा. मानवोदरदसवालाराम(कायार पार्ने मालुशाहा पटवारी हदि तपलियम पीलातादिंग दयानते पिता रहाद लिईदि उपदितत्य यजलवाद का शीतायुगातादि मुई यतः विदिता बाहुँदा का करमार कालो कपालहरातामाझम वासना समरसाशर कम ह दयनाद (सहसा हुकसाहब लादा कलानाशारदम हावाहरातर
SR No.032504
Book TitleIndian Antiquary Vol 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJas Burgess
PublisherSwati Publications
Publication Year1984
Total Pages390
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size18 MB
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