SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 100
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Second Side सिननिवासिनि प्रिवी पाल घति सति श्रीवि कु मकाल सेवा षुष याम दुहिः रावसा र्त मानित कात्रिक सुद्ध प्रतिपदा दिवानेत यादव झापजीविना मुँह महीयतेन न यः प्रलुक् च तु ही दे सा विद्यतिः सिंदवं सव: O लिन की ही मा नाम नदतः प्रशान की ती न लांगला डिर्फ जार्जित हयग्रीवल्लर : सिंदना का नाम सुतं समुह महीपतिः प्रमस्ति स्त्ररुःशास सिसम विगतपत महामहा महोगा वतीपुर नमन परली वेंसी व नागकुल तिलक सिंद कुलक मलमार्ते लुगुलुकवर वा न्ंले मंडलीक श्व काथापनामावली समाले किन महा मडले नी मुँह चारुदेव सा चीर्घतन मि हैं।॥ पु र्धे घाव लिना वंदन विविदे नाम J. Burgess dot. W.Abraham Litho
SR No.032493
Book TitleIndian Antiquary Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJas Burgess
PublisherSwati Publications
Publication Year1984
Total Pages430
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy