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________________ 372 जैन-विभूतियाँ देश के अग्रणी समाजनेता, निष्काम सेवाभावी व दानवीर श्री नाहटाजी 60 से भी अधिक शीर्ष सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं से विभिन्न स्तरों पर, विभिन्न रूपों से जुड़े हुए थे। आर्थिक सुसम्पन्नता का अहंभाव उनमें लेशमात्र भी नहीं था तथा समाज व संस्थाओं के अकिंचन व्यक्ति से भी वे जिस आत्मीयता, सहृदयता से मिलते थे, व्यवहार रखते थे, वही निराभिमानिता एवं सहजता उनकी सामाजिक व धार्मिक क्षेत्रों में अमिट पहचान का कारण बनी। जाति, सम्प्रदाय, धर्म की सीमाओं से परे उनकी दानवृत्ति कोई विभेद नहीं रखती थी। भारतवर्ष के लाखों जैनों की प्रतिनिधि राष्ट्रीय संस्था-अखिल भारतीय श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ महासंघ के वे 1990 से अध्यक्ष थे, वहीं उन्होंने सेठ कल्याणजी आनंदजी पेढ़ी, प्राकृत भारती, श्री श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन तीर्थ रक्षा ट्रस्ट, वीरायतन, भारत जैन महामण्डल, विश्व जैन परिषद्, ऋषभदेव फाउन्डेशन, हार्ट केयर फाउन्डेशन ऑफ इण्डिया, शांति मन्दिर-बीठड़ी श्री अंबिका निकेतन ट्रस्ट, मिमझर, अहिंसा इन्टरनेशनल, जैन महासभा, पारस परमार्थ प्रतिष्ठान आदि अनेकों संस्थाओं के माध्यम से लोक-मंगल के विभिन्न प्रकल्पों तथा सामाजिक धार्मिक समरसता के लिए अनुकरणीय काम किया। 'सर्वधर्म समभाव' के अदम्य पक्षधर वे धार्मिक वैमनस्य व उन्माद व इससे जनित रुग्ण मानसिकता तथा ईर्षावृत्ति के प्रखर विरोधी थे। वैयक्तिक व सामाजिक जीवन में क्रांति या प्रतिक्रांति नहीं अपितु उत्क्रांति का आह्वान करने वाले श्री नाहटाजी एक स्वप्नदृष्टा, दूरदर्शी नायक थे, जो युवा वर्ग की अपरिमत ऊर्जा, उत्साह एवं नारी शक्ति के व्यावहारिक ज्ञान के रचनात्मक उपयोग हेतु विभिन्न सामाजिक, धार्मिक प्रकल्पों में उनकी सहभागिता एवं अग्रणी भूमिका के मुखर समर्थक थे। अपनी व्यावहारिक कुशलता, विलक्षण स्मृति, प्रतिभा, सस्मिता, मुस्कान एवं आत्मीय सहजता के कारण छोटे से छोटे कार्यकर्ता से लेकर शीर्ष समाज व राजनेता उन्हें कभी विस्मृत नहीं कर सके। श्री नाहटाजी कला एवं साहित्य प्रेमी थे, व्यक्ति की अन्तर्निहित प्रतिभाओं को पहचानने में पारंगत थे। उन्होंने अपनी परिपक्व सलाह, संरक्षण
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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