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________________ अध्याय राजनैतिक क्रान्ति के अग्रदूत चक्रवतियों के राज्य-काल का प्रमाण मरहे छः-लक्ख-पुव्वा, इगिसट्ठिी-सहस्स-वास परिहीणा। तीस-सहस्सूणाणि, संत्तरि लक्खाणि पुव्व सगरम्मि ॥1413॥ भरत चक्रवर्ती के (राज्य-काल का प्रमाण) इकसठ हजार वर्ष कम छह लाख पूर्व और सगर चक्रवर्ती के राज्य-काल का प्रमाण तीस हजार वर्ष कम सत्तर लाख पूर्व प्रमाण हैं-ति० प० अ० 4 उदि-सहस्स-जुदाणि, लक्खाणि तिणि मघव-णामम्मि । पउदि-सहस्सा वासं, सणक्कुमारम्मि चक्कहरे ॥1414॥ मघवा नामक चक्रवर्ती का राज्यकाल तीन लाख नब्बे हजार वर्ष और सनत्कुमार चक्रवर्ती का राज्यकाल नब्बे हजार वर्ष प्रमाण है। चउवीस-सहस्साणि, वासाणि दो-सयाणि संतिम्मि । तेतीस-सहस्साइं, इगि-सय-पण्णाहियाइ कुंथुम्मि ॥1415॥ शान्तिनाथ चक्रवर्ती के राज्य-काल का प्रमाण चौबीस हजार दो सौ वर्ष और कुन्थुनाथ के राज्य-काल का प्रमाण तेईस हजार एक सौ पचास वर्ष हैं । वीस-सहस्सा वस्सा, छस्सय-जुत्ता अरम्मि चक्कहरे। उणवण्ण-सहस्साइं, पण-सय-जुत्ता सुभउमम्मि ॥1416॥ अरहनाथ चक्रधर का राज्य-काल बीस हजार छः सौ वर्ष और सुभौम चक्रवर्ती का राज्यकाल उनचास हजार पाँच सौ वर्ष प्रमाण हैं । अट्ठरस-सहस्साणि, सत्त-सएहि समं तहा पउमो। अट्ठ-सहस्सा अड़-सय, पण्णमाहिया य हरिषेणे ॥14170 पद्म चक्रवर्ती के राज्यकाल का प्रमाण अठारह हजार सात सौ वर्ष और हरिषेण चक्रवर्ती के राज्यकाल का प्रमाण आठ सौ पचास अधिक आठ हजार वर्ष है। उणवीस-सया वस्सा, जयसेणे बम्हदत्त-णामम्मि । चक्कहरे छः-सयाणि, परिमाणं रज्जकालस्स ॥14180 जयसेन चक्रवर्ती के राज्यकाल का प्रमाण उन्नीस सौ वर्ष और ब्रह्मदत्त नामक चक्रधर के राज्यकाल का प्रमाण छः सौ वर्ष हैं।
SR No.032481
Book TitleKranti Ke Agradut
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanak Nandi Upadhyay
PublisherVeena P Jain
Publication Year1990
Total Pages132
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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