SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 37
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सीता, अंजना, मदनरेखा आदि असंख्य सितारों के आदर्श देदीप्यमान है। इन महान् आदर्श सितारों के प्रति जो पुण्यशाली पुरुष तनिक भी दृष्टि डालेंगे तो उनके जीवन पर उनके पुनीत प्रकाश का प्रतिबिम्ब पड़े बिना नहीं रहेगा। हमें अत्यन्त सावधान हो जाना चाहिये। जीवन में समस्त क्षेत्रों में से अनीति, अन्याय, दम्भ, विश्वासघात एवं झूठ के पापों को तिलांजलि देनी चाहिये। अपनी अनीति का बचाव करने के लिये ऐसे पंग उत्तर न खोजें कि, "दूसरे मनुष्य भी ऐसे ही करते हैं, सभी अनीति करते हैं, मैं अकेला थोड़े ही करता हूँ।'' ये विचार तो जीवन में अपार पापों को प्रविष्ट करने का पापी द्वार बन जाता है। जिस प्रकार समाज में अन्यायी, अनीतिवान, पापी मनुष्यों के उदाहरण हैं, उसी प्रकार से न्यायी, नीतिवान् एवं पुण्यशाली मनुष्यों के उदाहरण भी विद्यमान हैं। चाहे उस प्रकार के उदाहरण अल्प संख्या में हों, परन्तु जिन्हें आदर्श ग्रहण करना है उनके लिये तो एक ही उदाहरण पर्याप्त है। आइये, हम धनोपार्जन में न्याय-सम्पन्नता को जोड़ कर अपना जीवन उज्जवल करें। जीवन को गुणों से परिपूर्ण एवं धर्म-साधना से सुगन्धित बनाने में ही प्राप्त मानव जीवन की सार्थकता और सफलता है।
SR No.032476
Book TitleMangal Mandir Kholo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevratnasagar
PublisherShrutgyan Prasaran Nidhi Trust
Publication Year
Total Pages174
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy