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PORARGAVORDSOORY
|| श्री सुपार्श्वनाथाय नमः।। || श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमः।। || श्री मुनिसुव्रत स्वामिने नमः।। || श्री विमलनाथाय नमः।।
कोइम्बतुर की धरा पर समस्त जैनसंघ के तत्वावधान में ई.सं. २०१3 के चातुर्मास में पुरंदरे हॉल में पंच रविवारीय
जीवन सौभाग्य शिबिर में १७००/१८०० की जनमेदनी में पूज्य मुनि श्री देवरत्नसागरजी के सात प्रकाशनों के लिए
जमा हुई राशि से यह प्रकाशन भी श्री संघ के कर कमलों में
सादर समर्पित
श्री राजस्थान जैन श्वे. मू. संघ श्री कोइम्बत्तुर जैन श्वे. मू. संघ श्री क.द.ओ. ज्ञाति महाजन
कोईम्बत्तुर
धन्यवाद !!!
आभार अनुमोदना .... अभिनंदन
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