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________________ भोग सामग्री के पीछे पागल बने हुए को देखते है तब धर्म सामग्री की प्राप्ति कितनी दुर्लभ है वह पता चलता है। मोक्ष मार्ग की स्पष्ट समझ न देनेवाले दिखाइ पडते है तब प्रभु के वचन की दुर्लभता लक्ष में आती है। सागर में जन्मी सागर में रहनेवाली मछली यदि पानी के बाहर कोई कारण आना पडे तब उसे पानी की ताकात क्या है। वह पता चलता है। अपना भी शायद वैसा ही है। अपने को जो मिला है वो औरों को जिन्हें नहीं मिला है उसको देखने से प्राप्ति की किंमत समझ में आयेगी। हम प्रभु वचनों के आधार से प्राप्ति को समझ ले... तो ही उत्साह आयेगा। Post Card - सफेद बाल Cover- दांत निकलना RegisterA.D. - कान में बहरापन VPP- घूटने खराब Recems18 SOC0008001
SR No.032476
Book TitleMangal Mandir Kholo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevratnasagar
PublisherShrutgyan Prasaran Nidhi Trust
Publication Year
Total Pages174
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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