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________________ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग २ करीब १२ साल पूर्व वालकेश्वर में हिंमतभाई के घर पर हम गये थे तब वे सामायिक में मौनपूर्वक जप कर रहे थे । हिंमतभाई की धर्मनिष्ठा की भूरिशः हार्दिक अनुमोदना । पता : विधिकार श्री हिंमतभाई वनेचर (बेड़ावाले) १०२, चंदनबाला एपार्टमेन्ट वालकेश्वर, मुंबई - ४००००६ फोन : ८१२९८८५/३६९६८८५ घर २४० ११० प्रतिदिन सिद्धचक्रपूजन करनेवाले, स्वानुभूति संपत्र श्राद्धवर्य श्री बाबुभाई कड़ीवाले नवकार महामंत्र के परम आराधक और प्रभावक, अजातशत्रु अध्यात्मयोगी यथार्थनामी, पं.पू. पन्यास प्रवर श्री भद्रंकरविजयजी म.सा. के विशिष्ट कृपापात्र उत्तम आराधक, विरल श्राद्धवर्गों में से एक आत्म साधक हैं श्री बाबुभाई कड़ीवाले । ? प्रतिदिन जब तक सिद्धचक्र पूजन नहीं होता तब तक मुँहमें पानी भी नहीं डालनेवाले श्री बाबुभाई, सिद्धचक्र महापूजन एवं त्रिदिवसीय अर्हत् महापूजन करानेवाले विधिकार के रूप में जैन संघों में सुप्रसिद्ध हैं । सालंबन ध्यानप्रयोग, महाविदेह की भावयात्रा, श्रीपाल - मयणा रास के आध्यात्मिक रहस्य, दिव्य जीवन जीने की कला - श्री नवकार... इन विषयों पर उन्होंने अत्यंत मननीय किताबें लिखी हैं । विविध संघों में पूजन के दौरान इन विषयों पर यथाशक्य विवेचन करके श्रोताओं को भाव विभोर बना देते हैं। 1 हालमें प्राय: प्रतिवर्ष पर्युषण या नवपदजी ओली की आराधना करवाने के लिए या उपरोक्त विषयों पर आध्यात्मिक वार्तालाप के लिए उनको अमेरिका आदि विदेशों के जैन संघों के आमंत्रण से विदेश में जाने के अवसर आते हैं तब ३० घंटे तक निरंतर हवाई जहाज की यात्रा के
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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