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________________ १३८ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - १ अपने छोटे से सुपुत्र में भी उन्होंने ऐसे अच्छे संस्कार डाले हैं कि वह भी साधु बनने के मनोरथ करता है । रेखाबहन की छोटी बहन को भी दीक्षा लेने की भावना है । उनके ऐसे उत्तम मनोरथ पंच परमेष्टी भगवंतों के अनुग्रह से शीघ्र परिपूर्ण हो यही शुभ भावना । रेखाबहन भी शंखेश्वर में आयोजित अनुमोदना समारोह में उपस्थित हुई थीं। उनकी तस्वीर पेज नं. 17 के सामने प्रकाशित की गयी है । पता : रेखाबहन हरेशकुमार चंपकलाल महेता, बी-१७९ अपना नगर 'अश्विन स्मृति' मु.पो. गांधीधाम कच्छ (गुजरात) पीन ३७०२०१
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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