SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 49
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ • जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार ? अवश्य पूना ले जाएगी, यह विश्वास होने के कारण बीच में इतने विघ्न होने के बावजूद भी तुम आराम से सो जाते हो। इसी प्रकार नवकार में. श्रद्धा रखकर उसमें समर्पित होनेवाले साधक को निर्विघ्नता से मुक्तिपुरी तक पहुंचाने की सारी जिम्मेदारी नवकार संभाल लेता है। जैन कुल में जन्मे हुए हम सभी का सभी का सौभाग्य है कि, अपने को मत - पंथ या नाम रूप की किसी दीवार खड़ी किये बिना, शुद्ध स्वभाव में स्थित सभी मुक्त आत्माएं और नित्य शुद्ध स्वभाव की प्राप्ति के पथ पर निष्ठापूर्वक प्रयास करने वाले सभी साधकों (परमेष्ठियों) के प्रति श्रद्धा और आदर व्यक्त करने वाला - श्री नवकार महामंत्र मिला है। नमस्कार जप अर्थात्, अमनस्क चित्त और भावशून्य हृदय से नवकार के अक्षरों का रटन मात्र नहीं, किन्तु शुद्ध आत्मस्वभाव में स्थित या शुद्ध स्वभाव की प्राप्ति के पथ पर जाग्रत प्रयास करती हुई आत्माओं का नित्यस्मरणपूर्वक, उनके प्रति श्रद्धा, आदर और समर्पण व्यक्त करने का निरंतर उद्यम है। नवकार का सबसे बड़ा चमत्कार इस प्रकार की हुई नवकार की आराधना केवल जप में ही रुक नहीं जाती, यह साधक के जीवन में परिवर्तन ही लाती है। नवकार के सच्चे साधक का जीवन तदवस्थ ( पहले जैसा) नहीं रह सकता। कोई भले ही कह दे कि हम नवकार गिनेंगे, दूसरा कुछ नहीं करेंगे, किन्तु यह एक सिद्ध सत्य (हकीकत) है कि निर्मल भाव से नवकार का जप करने वाले का जीवन मोक्षलक्षी बने बिना नहीं रहता। ऊपर बतायी प्रक्रिया के अनुसार जो नवकार गिनता है, उसके जीवन में धर्म आये बिना नहीं रहेगा। नवकार का सबसे बड़ा चमत्कार यही है - जहाँ नवकार रहेगा वहाँ पाप टिक ही नहीं सकता । हाथ पैर हिलाते हैं तो ही कार्य होता है ऐसा नियम नहीं है, वस्तु स्वभाव भी कार्य करता है। जड़ गिना जाता पारा यदि अनाज के भंडार में रखा जाता है, तो थोड़ा सा भी पारा सैंकड़ों मण अनाज को 22
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy