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________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? एसो पंचनमुक्कारो इन पांचों (परमेष्ठि भगवंतों को) को किया गया नमस्कार सव्व-पोवप्पणासणो - सभी पापों का नाश करने वाला है। मंगलाणं च सव्वेसिं - और सभी मंगलों में पढम होइ मंगलं - प्रथम मंगल है। इसके अलावा पंच परमेष्ठी भगवंतों का अत्यंत अद्भुत बाह्य एवं अभ्यंतर स्वरूप, उनके विशिष्ट सद्गुण तथा अपने ऊपर उनके अगणित उपकारों का विस्तृत ज्ञान गुरुओं से एवं सद्वांचन द्वारा प्राप्त कर जप करने से उस उस पद को बोलते समय उन उन परमेष्ठी भगवंतों का स्मरण आंखों के सामने आता है तथा चित्त बाहर भटकने से स्वतः रुक जाता है। इसलिए वहां (पूर्व में) पंच परमेष्ठी भगवंतों के 108 गुणों का स्वरूप दर्शाया गया है। जप के अलावा के अन्य समय में कभी शांति से बैठकर, आंखें बन्दकर पंच परमेष्ठी भगवंतों के गुणों की अनुप्रेक्षा करने से अवर्णनीय आनन्द की अनुभूति हो सकती है। 422
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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