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________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - नहाने गया। नहाकर घर की ओर आधा रास्ता पार किया। वहां रास्ते में बहुत भाइयों और बहनों का वृन्द खड़ा था। वह देखकर मैंने पूछा कि, 'यहां सब क्यों इकटे हुए हैं?' उन लोगों ने जवाब दिया कि, 'इस बालक को बिच्छू ने काटा है, जहर नहीं उतरा है।' मुझे पूज्य गुरुदेव के प्रवचन में सुना हुआ याद आ रहा था। आज सवेरे ही पूज्य गुरुदेव श्री ने प्रवचन में नवकार महामंत्र के प्रभाव का वर्णन करते हुए कहा था कि, 'चाहे वैसा विष-जहर चढा हो तो भी श्री नवकारमंत्र के प्रभाव से उतर जायेगा।' श्री नवकार मंत्र के प्रभाव से जहर उतारने का याद आते ही मैंने वहां खड़े भाइयों को कहा कि, 'उस लड़के को मेरे पास बुलाओ। मैंने उसे पास में लाने के बाद तीन नवकार गिने और तीन बार दाहिने हाथ से छु-छु-छु...इस प्रकार कहकर क्रिया पूर्ण की कि, तुरन्त ही जहर उतर गया और वह लड़का दौड़ता हुआ अपने घर चलता बना। यह मेरी अपनी छोटी उम्र में घटित हुई श्री नवकार महामंत्र के प्रभाव की सच्ची घटना है। मेरा दूसरा लड़का एक बार श्री शंखेश्वरजी मन्दिर में आरती उतारकर धर्मशाला की ओर कमरे में आ रहा था। उस समय रास्ते में लघुशंका करके वह चिल्लाता हुआ वापिस आया। मैंने पूछा, क्या हुआ?' तो उसने कहा कि, "मुझे पता नहीं, बहुत ही पीड़ा हो रही है। किसी ने काटा है।" मैंने सूचना दी कि, 'श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमः' जाप के साथ नवकार मंत्र का जाप शुरू कर और उसने उसी अनुसार पन्द्रह मिनट जाप किया। उसे एकदम हरे रंग की उल्टी हुई। उसके बाद बोला कि, 'मुझे नीन्द आती है।' वह शान्ति से सो गया। सवेरे उठने के बाद कुछ भी तकलीफ नहीं थी। इस प्रकार मेरे जीवन में घटित हुए यह अनुभव हैं। इसमें कुछ भी | अतिशयोक्ति नहीं है। पूज्य गुरु भगवंतों की प्रेरणा से मैं अभी 70 वर्ष से श्री नवकार महामंत्र की माला गिनता हूँ। प.पूज्य नीतिसूरीश्वरजी के शिष्य उदयसूरीश्वरजी म.सा. ने प्रतिदिन श्री नवकार महामंत्र की एक माला गिनने की प्रेरणा की और इनकी कृपा 352
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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