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________________ जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार ? किन्तु मेरे पुत्र (उम्र 5 वर्ष) और मेरे भाई ने काफी नवकार, लगभग 15 से 20 मिनट तक उसे जोर से सुनाये। शायद कुछ शाता में प्राण त्यागे, उसी ही आशा से, क्योंकि बच सके वैसे कोई चिह्न नहीं दिखते थे। फिर उन्होंने भी टोकरी एवं नवकार बन्द किये और उसे भगवान के भरोसे रखकर सो गये। सवेरे कुतूहलवश भाई ने टोकरी खोली (विश्वास था कि वह मरी ही पड़ी होगी) टोकरी खोली और फररर्... करती वह चिड़िया बाहर उड़ गयी । लेखक धीरेन शाह - जीवन यात्रा में हर पल का साथ - महामंत्र नवकार मैं अपने सद्भाग्य पर गौरव महसूस करता हूँ। क्योंकि जब शुभ कर्मों का संयोग हुआ तभी मुझे जैन शासन मिला। उसमें भी आर्य देश, उत्तम कुल, अमूल्य मानव जीवन, पांचों इन्द्रियों की परिपूर्णता, निरोगी शरीर, संतों का समागम, अनुकूल साधन सामग्री यह सब बिना पुण्य नहीं मिल सकता है। कच्छ में हमारा लुणी गांव है। घर के पास में ही धर्म स्थानक होने से आनेजाने वाले संत सतीजियों का आगमन होता रहता था । हमारे माता-पिता को भी धर्म पर बहुत श्रद्धा थी। वे संतों के दर्शन, व्याख्यानवाणी का श्रवण, तप, त्याग और संतों की सेवा करते थे। हम छोटे थे, तब से ही माता-पिता से धर्म के संस्कार वंशानुगत मिले थे। संत समागम से मैंने 10 वर्ष की उम्र में सामायिक, प्रतिक्रमण कण्ठस्थ कर लिये । संतों के मुख से नवकार मंत्र के प्रभाव, चमत्कारों की बातें सुनी। वह मुझे भी कहते कि सुबह-शाम दोनों समय माला गिनना, इससे प्रत्येक कार्य सफल होगा। विघ्न दूर होंगे। मुझे भी नवकार मंत्र ऊपर बहुत ही श्रद्धा उत्पन्न हुई। मैं दोनों समय माला गिनने लगा। में अनानुपूर्वी गिनने लगा, सामायिक प्रतिक्रमण, चौविहार छोटी उम्र से ही करने लगा। नवकार मंत्र में चौदह पूर्व का सार समाया हुआ है। भले ही दूसरा 348
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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