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________________ - जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - वह प्रातः 6-00 बजे मुम्बई पहुंचे। दो स्थानों पर पंन्यासजी महाराज की तलाश करते करते योगानुयोग दोपहर 12-39 बजे विजय मुहूर्त में वह राजस्थान के पिंडवाड़ा गांव में विराजमान. पू. पंन्यास श्री भद्रंकरविजयजी म.सा. के पास पहुंचे। उनकी ऐसी विशिष्ट तत्परता एवं पात्रता देखकर पंन्यासजी महाराज साहेब ने भी तुरन्त 12 नवकार गिनकर अत्यंत भावपूर्वक उनको तीन बार बड़ी आवाज से नवकार बोलाया और वासक्षेप द्वारा आशीर्वाद देकर नियमित नवकार महामंत्र का जाप करने की प्रेरणा दी। ऊपर बताये अनुसार मौत के मुख में से वापिस आये वह भाई उसके बाद 15 दिन तक अस्पताल में रहे। उस दौरान 60 जितने रोगियों के ऑपरेशन हुए और सभी सफल हुए, क्योंकि उपरोक्त घटना से प्रभावित हुए सभी रोगियों के परिवार जन ऑपरेशन करवाने से पहले रोगी को उनके पास ले आते, तब यह भाई पूज्यपाद पंन्यासजी महाराज की तस्वीर के सामने रोगी को बिठाकर तीन नवकार बड़ी आवाज में गिनाते। गुरु महाराज के प्रति अनन्य आस्था के कारण सभी ही ऑपरेशन सफल हुए। यह भाई आज भी जीवित हैं! वास्तव में नवकार मंत्र के प्रति आस्था से कौनसा कार्य सिद्ध नहीं होता यही सवाल है। (भय का उच्चाटन-अभय का उद्घाटन करता श्री नवकार ) कुछ वर्ष पूर्व अफ्रीका में तीन दिन तक "कूप" अर्थात सैन्य विद्रोह हुआ था। तब नेरोबी में सेना के लिबास में तीन चार लूटेरे एक |घर में घुस गये। उन का घर हिल स्टेशन के पास अलग बंगले के रूप में था। बंदूकधारी लूटेरों ने घर के सदस्यों से 20 लाख रुपयों की मांग की. उन्होंने उस समय 6 लाख रूपये जितना माल लुटेरों को सौंप दिया और शेष रकम बैंक में है ऐसा बताया। इससे उन्होंने उनके 22 वर्ष के नवयुवान लड़के की छाती पर बंदूक की नोंक रखकर, धमकी देते हुए कहा कि, "हम 10 तक गिनती बोलेगें। तब तक में तुमने घर में जहाँ भी धन छिपाया हो, वह हमारे सामने पेश कर दो, नहीं तो इस लड़के 287
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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