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________________ • जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार ? (कच्छ) 7. कोटड़ा-रोहा (कच्छ) 8. महालक्ष्मी ( तिरुपति एर्पाटमेंट - मुम्बई), 9. माटुंगा (मुम्बई), 10. वडाला (मुम्बई), 11 सम्मेतशिखरजी महातीर्थ (बिहार), 12. नालासोपारा (मुम्बई), 13. डोंबीवली (मुम्बई), 14. महालक्ष्मी (तिरुपति एर्पाटमेंट - मुम्बई), 15. जामनगर (सौराष्ट्र), 16. मांडवी (कच्छ), 17. भुजपुर (कच्छ), 18. बिदड़ा (कच्छ) 19. मणिनगर ( अहमदाबाद), 20. नाराणपुरा ( अहमदाबाद ), 21 बड़ौदा (गुजरात), 22. मांडल (गुजरात), 23 शंखेश्वर महातीर्थ, 24. बाड़मेर ( राजस्थान ) 25. उदयपुर (मेवाड़) आपने अपने गुरुदेव प.पू. अचलगच्छाधिपति आ. भ. श्री • गुणसागरसूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में आगमों के योगोद्वहन विधिपूर्वक परिपूर्ण किये एवं बाद में आपको सं. 2047 फाल्गुन शुक्ल 7 के दिन पालीताणा में 2000 यात्रियों की 99वे यात्रा के दौरान, लगातार 31वें वर्षीतप के तपस्वीरत्न, वर्तमान अचलगच्छाधिपति प.पू. आ. भ. श्री गुणोदयसागरसूरीश्वरजी म.सा. के वरद हाथों से गणविर्य पद से विभूषित किया गया है। हम शासन देव से प्रार्थना करते हैं कि पूज्यश्री दीर्घायुषी बनकर चिरकाल तक आत्म साधना के साथ शासन प्रभावना के अनेक विद् मांगलिक कार्य करते - करवाते रहें। पूज्य गणिवर्यश्री के उदयपुर में "संयम- रजत - चातुर्मास" की अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किताब पूज्यों को एवं ज्ञान भण्डारों को सादर भेंट देने के लिए हमारे श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ - उदयपुर के ज्ञान खाते में से 11000/- रुपये अर्पण करते हुए हम धन्यता का अनुभव करते हैं। जैनं जयति शासनम् । XXII
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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