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________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - बंद होने के साथ ही उन्होंने दोनों आँखें बंद की - "अब. सौंप दिया इस जीवन को भगवान तुम्हारे हाथों में" के भाव के साथ वे नवकार मंत्र के जाप में उतर गये। साथ में ऐसा संकल्प कर लिया कि ऑपरेशन पूर्ण होने के बाद ही आँखे खोलनी हैं। " और अत्यंत आश्चर्य हुआ। चार घंटे लगातार यह ऑपरेशन चला। बाहर बैठे हुए घरवालों के तो प्राण ऊँचे-नीचे हो रहे थे कि, क्या होगा? "हे भगवान! हमारी रक्षा करना! हमारे साथ में रहना!" कैसी है यह दुनिया! जहाँ जीवन मृत्यु का प्रश्न उपस्थित होता है तो तुरंत, 'भगवान हमारी रक्षा करना' की प्रार्थना करती है। किंतु... भगवान को ऐसे प्रार्थना न करते, हए हम ही भगवान के साथ रहें तो? उनकी आज्ञानुसार जीवन जीयें तो? तो ऐसी प्रार्थना ही नहीं करनी पड़ेगी। खैर! यहाँ तो नवकार मंत्र ने अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई। मौत से मिलने जा रहे उस भाई को रोक दिया। ऑपरेशन सफल हुआ। डॉक्टर ने बाहर आकर सभी को बधाई दी। सभी को आनन्द ही आनन्द हुआ। किंतु चमत्कार...? ___यह कोई चमत्कार नहीं था, क्योंकि विशेष चमत्कार तो ऑपरेशन के बाद हुआ। उस भाई को अब शेष इलाज के लिए 8-10 दिन तक अस्पताल में ही रुकना था। इसलिए वह तो केवल नवकार के जाप में ही अपना समय पूर्ण करने लगे। सार-संभाल चलती और एक सूत की माला हाथ में लेकर हीराचंदभाई की नवकार मंत्र की आराधना भी चलती। उसका प्रभाव उस बड़े अस्पताल में ऐसा पड़ा कि जितने ऑपरेशन होते उन सभी के सगे-संबंधी हीराचंदभाई के पास आते और उनके लिए नवकार गिनने को कहते, "भाई हमारे लिए भी भगवान को ऐसी प्रार्थना करना।" "WE TRUST IN GOD. WE TRUST IN YOUR NAVKAR".. हमें तुम्हारे नवकार पर श्रद्धा है, विश्वास है। आप गिनोगे तो जरूर हमारा आदमी भी इस ऑपरेशन से बच जाएगा। 218
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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