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________________ - जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार ? का ज्ञान या फिर नवलखा जाप से दुर्गति निवारण के उपरांत चमत्कारों की परम्परादि का सविशेष ज्ञान भी नहीं था, किन्तु इस पूर्ण जाप के बाद जीवन में जो-जो भी विशिष्ट चमत्कारों का स्वानुभव किया उसमें से मरणांत प्रसंग से प्रमुक्ति की यह सत्य घटना यहां सर्वजनलाभार्थ शब्दांकित है। दिन-दिनांक की नोंध रह गई है, किन्तु इ.स. 1982 की घटना है। सफारी ब्रांड स्यूटकेस के कर्नाटक संपूर्ण के एक मात्र डिस्ट्रीब्यूटर के नाते बैंग्लोर में नया व्यवसाय प्रारंभ किया था। काम का बोझ कुछ ज्यादा रहने से शाम के चौविहार के बाद फिर ऑफिस (दफ्तर) में आकर अकेले कार्य निपटाना होता था । दक्षिण प्रदेश धर्मभीरू माना जाता है। जिससे चोरी गुंडागर्दी - डकैती आदि के प्रसंग तो शायद ही सुनने में आते थे। इसलिए रात्रि में भी अकेले बैठना कोई भयप्रद नहीं था । किन्तु वह धारणा गलत साबित हुई। एक दिन.... अचानक, प्रथम माले के ऑफिस में मैं था और ऑफिस की लाईट चली गई। और तुरंत पश्चात् घोड़े की खुर के आवाज सी सुनाई देते ही मैं चौंक उठा। कुछ लोग अंधेरे में ही दफ्तर की सीढ़ियों को चढ़कर मेरी Cabin की ओर आ रहे थे। भय की संवेदना में ही मन में आशंका उत्पन्न हुई कि हो न हो कुछ गड़बड़ है। तुर्त ही मुंह से 'कौन है'? की आवाज निकल गई। और उसी वक्त मेरे मुख पर किसी ने चकाचौंध Light का क्षेप किया। अंदाज आ ही गया कि कोई अन्जान लोग मुझ पर आक्रमण करने हेतु सिनेमा स्टाईल में लाईट का Fuez उडाकर आए हैं और उनकी मुराद दुष्ट है। किन्तु अकल्पित इस आफत के वक्त न जाने नवलखा जाप के बाद भी नित्य स्मरित नवकार महामंत्र ही मुख पर अनायास आ गया। आंखे चौंधिया गई थीं और मैं भी भयभ्रांत था कि मुझे मूर्च्छित करने हेतु किसी ने मुख पर पेट्रोल-सा जलद पदार्थ छिंट दिया, जिससे मृत्यु का भय 200
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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