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________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? - था। किसी भी समय विमान BLAST से मौत की सफर बन सके वैसी | EMERGENCY का हम सभी अनुभव कर रहे थे कि COCKPIT से उद्घोषणा हुई कि सभी यात्री विमान चालक द्वारा उतारी गयी |EMERGENCY LADER से जमीन पर कूद जाने के लिए पैर से जूते-चप्पल निकाल दें, अपने सामान को भी छोड़कर दरवाजे पर आ जायें। हम सब प्राण बचाने के लिए दरवाजे की ओर जाने लगे कि अचानक LIGHT चली गई। जैसे-तैसे पिछले हिस्से के मुसाफिर हम सब आगे के दरवाजे पर पहुंचे। और हमें सभी की तरह कूदाया गया। हाथ में | IMPORTANT PAPER की ब्रीफकेस थी। उसे छोड़ न सका किन्तु धक्केबाजी में वह अटैची टूट गयी। खेत में गिरते ही हमें MILITARY और FIRE BRIGADE वालों ने REFUGEE की तरह वहां से एयरपोर्ट तक के करीबन एक कि.मी. तक दौड़ाया ताकि सब बच जायें, और दुर्घटना का शिकार न बनें। फूली सांस के साथ क्रम से आबाल-गोपाल सभी जब हवाई अड्डे पहंचे तब पता चला कि विमान किसी वस्तु से टक्कर खाकर खेत में चला गया, किन्तु PILOT की समय सूचकता से दुर्घटना नहीं हुई थी। । कुछ पता न चला, किन्तु हमें तुरन्त गौहाटी के एक पांच सितारा HOTEL में ले जाया गया। और कलकत्ता की यात्रा दिनांक 12-1-1989 गुरुवार को घोषित कर दी गई। शाम के समय के बाद रात्रि में दूरदर्शन समाचार में भी समाचार प्रसारित हो गये थे।और दूसरे दिन जब समाचार पत्र देखा तो उसमें भी 'दुर्घटना होने से बची' ऐसे समाचार छप गये थे। हकीकत यह थी कि AIRPORT AREA के एक छोर पर का WATCHMAN अपने कार्य में व्यस्त था, इतने में दो बैल हवाई पट्टी पर पहुंच गये। विमान के आवाज से भयभीत होकर भागते-भागते हमारे ही विमान से टकरा गये थे। जिससे बैलों की काया तो खून की नीक बन गयी और देह हड्डी का ढेर, परन्तु विमान के मशीन घर्षण के कारण 198
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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