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________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? । संयम रजत वर्ष के उपलक्ष्य में । पूज्य गणिवत्रि का मिताश्ररी परिचय-वन्दना-अनुमोदना ___-: संकलन :श्रीदौलतसिंहजी गांधी अध्यक्ष श्री जैन श्वे.मू.पू.श्री संघ उदयपुर श्री बी.एल.दोशी मंत्री ----" श्री अशोककुमार सेठ चातुर्मास संयोजक ----"---- हमें यह निवेदित करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि वि.सं.. || 2056 का चातुर्मास करने के लिए हमारी भावपूर्ण विनति का स्वीकार करके परमशासन प्रभावक अचलगच्छाधिपति प.पू.आ.भ.श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म.सा. के परम विनेय 45 आगम अभ्यासी, . । पू.गणिवर्य श्री महोदयसागरजी म.सा. एवं तपस्वी पू.मुनिराज श्री अभ्युदयसागरजी म.सा. के चातुर्मास का हमें अनमोल लाभ मिला है। हमारे श्री जैन श्वे.मू.पू.श्री संघ-उदयपुर में अलचगच्छीय मुनिवरों । का चातुर्मास प्रथम बार ही था एवं इस वर्ष सकल श्री संघ में दो । संवत्सरी का प्रश्न भी था, फिर भी कल्पनातीत सौहार्दपूर्ण एवं मैत्रीभाव। युक्त वातावरण में अनेकविध आराधनाओं से भरपूर यह चिरस्मरणीय : चातुर्मास सुसम्पन्न हुआ, जो श्री पंच परमेष्ठी भगवन्तों की असीम कृपा : द्वारा पू.गणिवर्य श्री के सौजन्यशील प्रकृति की बहुत बड़ी उपलब्धि है,। । ऐसा हम मानते हैं। । पूज्य श्री की 'जैनं जयति शासनं, 'शिवमस्तु सर्वजगतः, 'मित्ती । मे सव्वभूएसु' की यह भावना अनुमोदनीय एवं अनुकरणीय भी है। योगानुयोग इस वर्ष पू.गणिवर्यश्री के दीक्षा पर्याय को 25 वर्ष पूरे । होने जा रहे है, अतः पूज्यश्री का मिताक्षरी परिचय प्रकाशित करवाने की, अनेक जिज्ञासुओं की भावना एवं विनति को लक्ष्य में रखते हुए, पूज्यश्री के शिष्यादि द्वारा परिचय संप्राप्त करके यहां प्रस्तुत करते हुए हम गौरव । । एवं आनंद का अनुभव कर रहे हैं। XVII
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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