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________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? पालीताणा में तलेटी के पास आगम मन्दिर के पीछे विशाल जम्बूद्वीप का निर्माण हुआ है। जैन आगमों के कथनानुसार पृथ्वी सूर्य के आसपास नहीं घूमती, परन्तु सूर्य-चन्द्र जम्बूद्वीप के केन्द्र में रहे हुए मेरूपर्वत के आसपास घूमते हैं, उससे ऋतुओं का परिवर्तन, दिन-रात आदि गणितबद्ध तरीके से होते हैं। यह बात प्रेक्टिकल रूप से साबित करके विज्ञानवाद में फंसी हुई नयी पीढी को धर्म के प्रति अश्रद्धा से बचा लेने के लिए पूज्य श्री ने नवकार द्वारा प्राप्त हुई अन्तर सूचना के अनुसार जम्बूद्वीप योजना का निर्माण किया। वहां भव्य जिन मन्दिर का भी शास्त्रानुसारी विधिपूर्वक निर्माण करवाया गया है। सं. 2041 में उपर्युक्त जिनमन्दिर की प्रतिष्ठा फा. सु. 6 को तय हुई। परन्तु प्रतिष्ठा से तीन दिन पहले उनके पैर के ऊपर वजनदार पेटी गिरने पैर में फैक्चर हो गया। ....... भावनगर के डॉक्टर ने उन्हें इलाज हेतु भावनगर आने का आग्रह किया। 6 साधु पाट पर बिठाकर अस्पताल लेकर गये थे। परन्तु महामंत्र की साधना के बल पर पूज्य श्री तीसरे दिन पैरों से चलकर प्रतिष्ठा-महोत्सव में पहुंच गये और प्रतिष्ठा करवायी। फा. सु. 7 को पैरों से चल कर आदपर गांव गये। । वहीं से चढकर गिरिराज की यात्रा की। फा. सु. 8 को आगम मन्दिर वापिस आ गये! नवकार ने मार्गदर्शन भेजा इस प्रकार पं. श्री अभयसागरजी म.सा. के अजीब अनुभवों की प्रसादी पेश करने के बाद, अब मेरे दो अनुभव बता रहा हूँ। | हम सं. 2021 के वर्ष में राजस्थान में नाकोड़ाजी तीर्थ की यात्रा करने हेतु जा रहे थे। किन्तु हम मार्ग भूल गये। संयोग से अन्य साधुओं से अलग हो गये थे। चारों ओर रेगिस्तान था। ऊपर आकाश एवं नीचे धरती थी। पक्षी या पेड़ का भी नामोनिशान नहीं था। अन्त में एक टेकरी पर बैठकर आंखे मून्दकर भावपूर्वक नवकार 142
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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