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________________ - जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार ? भाई, बीस वर्षों से ईर्ष्या पीड़ित . अमुक व्यक्तियों द्वारा करवायीं गयी मैली विद्या के प्रयोग के कारण अत्यंत परेशान हो रहे थे। ये भाई हमारे पूर्व परिचित थे। वे स्वभाव से बहुत सरल हैं, उनके कहने के अनुसार 20 वर्ष पहले वे भी मैली विद्या के प्रयोग या भूत-प्रेत का लगना आदि नहीं मानते थे। परन्तु आज जब वे स्वयं लगभग बीस वर्ष से मैली विद्या के शिकार बनकर परेशान हो रहे हैं, तभी से वे भी अब इस बात को मानते हैं। उनके शरीर में कोई अरबस्तानी पठान की आत्मा प्रवेश कर बहुत ही कष्ट देती है। अनेक प्रकार के नाटक करवाती है। जब भी वे किसी प्रसिद्ध तांत्रिक के पास इस भूत को दूर करवाने जाते, तब तुरन्त ही वह उनके शरीर में अचानक कोई भयंकर वेदना उत्पन्न करवाकर प्रायः उन्हें नहीं जाने देता। डॉक्टरों ने उन्हें पूर्ण नीरोगी घोषित किया है। अनेक ख्यातिप्राप्त मन्त्रवादियों ने भी उनके इस भूत को दूर करने के लिए प्रयोग किये, कि तुरन्त वह अरबस्तानी पठान अत्यन्त भयंकर गर्जनाओं के साथ अरबस्तानी भाषा में उसे मार डालने की धमकियां देना प्रारंभ कर देता, और आखिर मंत्रवादी निष्फलता ही प्राप्त करते हैं। इस भाई को अपनी कुल देवी पर भी आस्था है। वे घर में कुलदेवी की तस्वीर के सामने प्रतिदिन धूप-दीप करते हैं, इसलिए कभी कुलदेवी भी उनके शरीर में प्रवेश कर उनकी रक्षा करती है। परन्तु कुलदेवी सात्त्विक प्रकृति की है। वह पठान अत्यन्त आसुरी प्रकृति वाला है। इसलिये उसे सम्पूर्णतया हटा नहीं सकती, किन्तु इस भाई की जान लेने भी नहीं देती है। एक बार वे भाई मेरे पास आये थे और अपनी परिस्थिति से अवगत कराया। तब उनके घर में प्रतिदिन एक आयंबिल करने का एवं 'नवकार' और 'उवसग्गहरं' का जाप करने की सलाह दी। परन्तु उन्होंने कहा कि, 'जब भी मैं ऐसे सात्त्विक उपाय करने का विचार करता हूँ, तब थोड़ी देर में घेर चढ़ना शुरु हो जाती है और घंटों तक, कभी 4-5 दिन तक भी घेर में रहना पड़ता है और कभी तो छाती में अचानक ऐसा 115
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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