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________________ ज्योतिष एवं गणित ३८९ स.x.xम स.Xट, +२ संXट: + सxट, + ...... - आ व्याजके लिये सूत्र (formula) आज ट म- स, + स२ + स + समय निकालनेके लिए सूत्र (formula)४. (i) A12* म-ट 131 +ट.+23 स सर स /स (i) Jस xx x म + (२x२) २ - सह-६-स सXट xम+ XT x ट मट ___स, Xट, स३४८३..... - -- - जैन गणितमें भिन्न सम्बन्धी बीजगणितकी क्रियाएं महत्त्वपूर्ण और नवीन हैं । मुझे भिन्न (fraction) के सम्बन्धमें शेषमूल, भागशेष, मूलावशेष और शेष जातिके ऐसे कई नियम मिले हैं जो मेरी बुद्धिके अनुसार प्राचीन और आधुनिक गणितमें महत्त्वपूर्ण हैं । नमूनेके लिए शेषमूल'का नियम नीचे दिया जाता है ____सकुल संख्या, स = स' के वर्गमूलसे गुणित-राशि, ब = भाजित राशि, अ = अवशेष ज्ञातराशि है। म - - + N१-ब (i) स - य स - 1 (at) स- इस (5) /(5)+अब} .. १. मूलाग्रे छिन्धादशौ नैकेन युक्तमूलकृतः । दृश्यस्य पदं सपदं वगितमिह मूलजाती स्वम् ।। -गणितसारसंग्रह, प्रकीर्णकायाय श्लो. ३३
SR No.032458
Book TitleBharatiya Sanskriti Ke Vikas Me Jain Vangamay Ka Avdan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri, Rajaram Jain, Devendrakumar Shastri
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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