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________________ सम्राट सम्प्रति और उसकी कृतियाँ मौर्य साम्राज्यकी वंशावली इतिहासके आधारपर इस प्रकार है । चन्द्रगुप्तने ई० पू० ३२२ से २९८ ई० पू० अर्थात् २४ वर्ष राज्य किया, इसके पश्चात् इसका पुत्र विन्दुसार राज्यासीन हुआ, इसने ई० पू० २९८ से ई० पू० २७२ तक अर्थात् २६ वर्ष राज्य किया । इसके पश्चात् इसके पुत्र अशोकवर्द्धनने राज्यभार ग्रहण किया । इसने ई० पू० २७२ से ई० पू० २३२ तक अर्थात् ४० वर्ष राज्य किया । अशोकके उत्तराधिकारियोंकी वंशावली निम्न है । रानी पद्मावती अशोक रानी तिष्यरक्षिता कुणाल (सुयश ), दशरथ तीसरे की युद्ध में मृत्यु हुई थी रानी असंधि मित्रा महेन्द्रकुमार, जन्म ई० संघमित्रा कन्या; जन्म ई० पू० ३३२, मृत्यु ई० पू० पू० ३३०, मृत्यु ई० पू० २५४, ७८ वर्ष की आयु २५३, ७७ वर्ष की आयु ये दोनों भाईबहन बुद्धधर्म के प्रचार में लगे रहे संप्रति उर्फ प्रियदर्शिन, शालिशुक उर्फ बन्धु पालित धर्माशोक, इन्द्र पालित रानी असंधि मित्रा की दासी ऋषभसेन बलौक तीवर चाइमती कन्या देवपालके साथ विवाह हुआ था, भग दोमोदर कुछ ऐतिहासिक विद्वान् सम्प्रतिका उत्तराधिकारी शालिशुकको मानते हैं । इसने ई० पू० २०७ से ई० पू० २०६ तक अर्थात् एक वर्ष राज्य किया था । शालिशुक का पुत्र देववर्मा हुआ, इसने ई० पू० २०६ से ई० पू० १९९ अर्थात् ७ वर्ष राज्य किया । इसके दो पुत्र हुए शतधनुष और बृहद्रथ । शतधनुष ने ई० पू० १९८ से ई० पू० १९१ तक अर्थात् ८ वर्ष राज्य किया तथा बृहद्रथ ने ई० पू० १९१ से ई० पू० १८४ तक अर्थात् ७ वर्ष राज्य किया । इसके पश्चात् इस वंशका योग्य राज्यशासकके न होनेसे राज्य समाप्त हो गया । केरल पुत्र सत्यपुत्र शालिशुक या तिखेटन सूक कुमार
SR No.032458
Book TitleBharatiya Sanskriti Ke Vikas Me Jain Vangamay Ka Avdan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri, Rajaram Jain, Devendrakumar Shastri
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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