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________________ परिशिष्ट 1. अकारान्त पुल्लिंग देव शब्द प्र. देवो, देवे - देवा द्वि. देवं - देवा, देवे तृ. देवेण, देवेणं देवेहि, देवेहि, देवेहिँ च. देवाय, देवाए, देवस्स - देवाण, देवाणं पं. देवत्तो, देवाओ, देवाउ - देवाहि, देवेहि, देवाहिन्तो, देवाहि, देवाहिन्तो, देवा देवेहिन्तो, देवासुंतो, देवेसुंतो ष. देवस्स देवाण, देवाणं स. देवे, देवंसि, देवम्मि - देवेसुं, देवेसु सं. हे देव, हे देवो, हे देवा - हे देवा 2. इकारान्त पुल्लिंग मुणि (मुनि) शब्द प्र. मुणी मुणिणो, मुणी, मुणउ, मुणओ द्वि. मुणिं मुणिणो, मुणी तृ. मुणिणा मुणीहिं, मुणीहिँ, मुणीहि च. मुणिणो, मुणिस्स, मुणये - मुणीणं, मुणीण पं. मुणिणो, मुणित्तो, मुणीओ - मुणित्तो, मुणीओ, मुणीउ, मुणीउ, मुणीहितो मुणीहितो, मुणीसुतो ष. मुणिणो, मुणिस्स - मुणीणं, मुणीण
SR No.032454
Book TitlePrakrit Bhasha Prabodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSangitpragnashreeji Samni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year
Total Pages88
LanguageHindi
ClassificationBook_Gujarati
File Size6 MB
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