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________________ कर्मप्रकृति अप्रशस्त विहायोगति नामकर्म अबाधाकाल अबाधाकंडक प्ररूपणा अबाधाकंडकस्थान अबाधास्थान अबंध्यफल अभव्य अभव्यप्रायोग्य अभिसंधिज-वीर्य अभ्युत्थान अम्लरस नामकर्म अयशःकीति नामकर्म अयोगिकेवली गुणस्थान अरतिमोहनीय अल्पबहुत्वप्ररूपणा अलेश्यवीर्य अवधिदर्शन अवधिदर्शनावरण अवधिज्ञान अवधिज्ञानावरण अवस्थित अविभाग प्ररूपणा अविभागप्रतिच्छेद अविभागवृद्धि अविभागी अंश अशुभनामकर्म अशुभ (पाप) प्रकृति प्रकृतियां अश्वत्थ अष्टसामयिक असातवेदनीय अस्थिर नामकर्म असंख्यातगुणहीन असंख्यातभागहीन असंख्यातगुण वृद्धि हानि असंख्यातभाग वृद्धि हानि आकाशप्रदेश आतप/नामकर्म आदानकाल आदेय नामकर्म आनुपूर्वी नामकर्म आनुपूर्वीचतुष्क आयु कर्म आयुचतुष्क आवरणद्विक आहारक-आहारकबंधन नामकर्म आहारक-कार्मणबंधन नामकर्म आहारकांगोपांग नामकर्म आहारकचतुष्क आहारक-तैजसबंधन नामकर्म आहारक-तैजसकार्मणबंधन नामकर्म आहारकद्विक आहारकवर्गणा आहारकशरीर/नामकर्म आहारकशरीरप्रायोग्य उच्चगोत्र कर्म उच्छ्वास नामकर्म उच्छ्वास-निःश्वासलब्धि उत्कृष्ट उत्कृष्ट पद उत्क्रमव्यवच्छिद्यमानबंधोदय प्रकृति प्रकृतियां उत्तर प्रकृति प्रकृतियां उत्साह उदय उदयबंधोत्कृष्ट प्रकृति प्रकृतियां उदयवती प्रकृति प्रकृतियां उदयसंक्रमोत्कृष्ट प्रकृति प्रकृतियां उदयावलिका उदीरणा करण उपघात/नामकर्म उपनिधा उपनिधान उपभोगान्तरायकर्म उपशमना करण उभयबंधिनी प्रकृति प्रकृतियां उद्योतनामकर्म उद्वर्तना/करण उद्वलन प्रकृति प्रकृतियां उद्वेलना
SR No.032437
Book TitleKarm Prakruti Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain
PublisherGanesh Smruti Granthmala
Publication Year1982
Total Pages362
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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