SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 107
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्लो. : 3 स्वरूप-संबोधन-परिशीलन 147 अर्थात् चेतन के भाव को चेतनत्व कहते हैं। चेतनत्व का अर्थ है, चैतन्य अर्थात् अनुभव करना अथवा जिस शक्ति के निमित्त से जानना-देखना-पना हो, उसे चेतनत्व-गुण कहते हैं। अचेतनत्व-गुणअचेतनस्य भावोऽचेतनत्वमचैतन्यमवनुभवनम्।। ___-आलापपद्धति, सूत्र 102 अर्थात् अचेतन के भाव को अचेतनत्त्व कहते हैं अथवा जिस शक्ति के निमित्त से जड़पना का अनुभवन हो, उसे अचेतनत्व कहते हैं। मूर्तत्व-गुण__ मूर्तस्य भावो मूर्तत्वं रूपादिमत्त्वम् ।। -आलापपद्धति, सूत्र 103 अर्थात् मूर्त के भाव को मूर्तत्व-भाव कहते हैं और जिसमें रूपादि गुण पाये जाते हैं, उसे मूर्तत्व-गुण कहते हैं। अमूर्तत्व-गुण___ अमूर्तस्य भावोऽमूर्तत्वं रूपादि-रहितत्वम्।।। -आलापपद्धति, सूत्र 104 अर्थात् अमूर्त का जो भाव है, उसे अमूर्तत्व-गुण कहते हैं, जो रूपादि से रहित होता है और आचार्य अकलंक स्वामी ने अपने महान् तर्क-शास्त्र तत्त्वार्थवार्तिक 2/7 में पारिणामिक भावों का कथन करते हुए अस्तित्व, अन्यत्व, कर्तृत्व, भोक्तृत्व, पर्यायवत्व, असर्व-गत-त्व, अनादि-सन्तति, बन्धनत्व, प्रदेशत्व, अरूपत्व, नित्यत्व आदि को पारिणामिक-भाव बतलाया है, और यह भी लिखा है कि जीव के सिवाय अन्य द्रव्यों में भी ये पाये जाते हैं, अतः ये साधारण या सामान्य हैं। जैसे- अस्तित्व सभी द्रव्यों में पाया जाता है। एक द्रव्य दूसरे द्रव्य से भिन्न है, अतः अन्यत्व भी सब द्रव्यों में पाया जाता है। सभी द्रव्य अपनी-अपनी क्रिया को स्वतंत्र हैं, अतः कर्तव्य भी साधारण है। एक विशिष्ट शक्ति वाले द्रव्य के द्वारा दूसरे द्रव्य की सामर्थ्य-शक्ति को ग्रहण करना भोक्तृत्व है, जैसे- आत्मा आहारादि द्रव्य की शक्ति को खींचने के कारण भोक्ता कहा जाता है, भोक्तृत्व भी साधारण है, विष द्रव्य अपनी शक्ति से सब को विष रूप कर देता है, नमक के ढेर में जो गिर जाता है, वह-सब नमक हो जाता है। पर्यायत्व
SR No.032433
Book TitleSwarup Sambodhan Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishuddhasagar Acharya and Others
PublisherMahavir Digambar Jain Parmarthik Samstha
Publication Year2009
Total Pages324
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy