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________________ क्रम संख्या 6. 7. कवि हरिषेण वीर कवि कवि श्रीधर प्रथम कवि देवसेन कवि मुनि कनकामर महाकवि सिंह कवि लाखू कवि यश: कीर्ति प्रथम कवि देवचन्द विषय महाकवि रइधू कवि हरिचन्द या जयमित्रहल कवि हरिदेव कवि तारणस्वामी हिन्दी कवि और लेखक महाकवि बनारसीदास कवि भैया भगवतीदास महाकवि भूधरदास कवि द्यानतराय कवि पंडित दौलतराम कासलीवाल कवि आचार्यकल्प पं. टोडरमल कवि दौलतराम द्वितीय कवि पण्डित जयचन्द छाबड़ा कवि दीपचन्दशाह कवि सदासुख कासलीवाल कवि पण्डित भागचन्द कवि बुधजन कवि वृन्दावनदास खण्ड - तृतीय : भट्टारक- परम्परा एवं उसका योगदान भट्टारक-युग भट्टारकों द्वारा धर्मोत्थान के कार्य भट्टारकगण दिल्ली, जयपुर शाखा कालपट भट्टारक - परम्परा के क्षीण होने के कारण दक्षिण-भारत में भट्टारक- गादियाँ खण्ड - चतुर्थ : समसामयिक सन्दर्भों में महावीर - परम्परा दिगम्बर जैनों का सामाजिक व सांस्कृतिक जीवन दिगम्बर जैन - जातियाँ खण्डेलवाल अग्रवाल परवार भगवान् महावीर की परम्परा एवं समसामयिक सन्दर्भ पृष्ठ संख्या 85 85 85 85 85 85 86 86 86 86 87 87 87 87 87 88 88 88 ********* 88 89 89 90 90 90 90 91 94-114 95 97 100 101 110 115-168 115 116 119 121 122 OO vii
SR No.032426
Book TitleBhagwan Mahavir ki Parampara evam Samsamayik Sandarbh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTrilokchandra Kothari, Sudip Jain
PublisherTrilok Ucchastariya Adhyayan evam Anusandhan Samsthan
Publication Year2001
Total Pages212
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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