SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 132
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अलबेली आम्रपाली १२३ धात्री विचार में पड़ गयी। उसे ज्ञान नहीं था कि आम्रपाली ने गुप्त रूप से विवाह कर लिया है । वह तो यही मानती थी कि जनपदकल्याणी का अनेक पुरुषों से मिलना-जुलना होता है और सम्भव है किसी पुरुष के साथ संभोग होने से गर्भ रह गया है। माध्विका ने पूछा-"क्या सोच रही है ?" उसने कहा- 'गर्भ से निवृत्त होना हो तो औषधि का निर्देश...'' "नहीं।" "तब औषधि की अपेक्षा नहीं है।" धात्री ने कहा। माविका ने कहा- "देवी सगर्भा हैं, यह बात किसी से कहनी नहीं है।" यह कहकर उसे पुष्कल उपहार देकर विदा किया। २७. नर्तकी कादंबिनी विषकन्या के सफल निर्माण का प्रयोग आंखों से देखकर मगधेश्वर प्रसेनजित और महादेवी त्रैलोक्यसुन्दरी अपने राजप्रासाद में आ गए। फिर उन्होंने महामन्त्री को मंत्रणागृह में बुलाकर कहा-"आचार्यदेव ने कार्य सिद्ध कर दिया है।" "अत्यन्त महत्त्वपूर्ण समाचार ! क्या विषकन्या पूर्ण रूप से बन गई ?" "हां।" "क्या आप उसे साथ लेकर आए हैं ?" "नहीं, कादंबिनी नगर में आना नहीं चाहती। वह आश्रम में ही रहेगी।" महामन्त्री कुछ क्षणों तक विचारमग्न रहकर बोले-"कृपावतार !" कादंबिनी को अपनी नजरों के समक्ष रखना उचित होगा।" "पर वह सहमत नहीं है।" "नहीं, महाराज ! उसे यहां आना ही होगा । मैंने एक पहाड़ी पर उसके निवास की व्यवस्था कर रखी है।" _ "मन्त्रीश्वर ! राज्य के प्रयोजन के लिए वह कभी भी यहां आ सकती है। परन्तु नगर में रहना उसे उचित नहीं लगा। वह कहती है, यौवन अन्धा होता है। वह कब क्या कर बैठे, कुछ कहा नहीं जा सकता।" "कृपावतार ! कादंबिनी को यहां रखना ही श्रेयस्कर है। गुप्त शस्त्र को बाहर रखना ही नहीं चाहिए। हमने विषकन्या का निर्माण किया है । यह कोई नहीं जानता। आचार्यश्री यह बात किसी को नहीं कहेंगे, ऐसा विश्वास है। फिर भी एक भयस्थान है। यदि यह तथ्य बाहर प्रकट हो जाए तो अपना सारा श्रम निष्फल चला जाएगा।" महामन्त्री ने कहा। "कैसा भय-स्थान ?" महाराजा ने पूछा। "सम्भव है कि महादेवी..."
SR No.032425
Book Titlealbeli amrapali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Chunilal Dhami, Dulahrajmuni
PublisherLokchetna Prakashan
Publication Year1992
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy