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________________ सीधा गंगा-तट पर पहुंचा। रुद्रयश के तीन मुख्य साथी बहुत समय से उसकी राह देख रहे थे। रुद्रयश को देखते ही सभी के हृदय प्रफुल्लित हो गए। रुद्रयश ने निकट आकर कहा-'क्या चन्द्र नहीं आया?' 'चन्द्रमोहन आज पकड़ा गया है कल रात में उसने कुछ अधिक मदिरा पी ली थी। उसके पिता को ज्ञात हुआ, इसलिए उसे एक कमरे में बंद कर रखा है।' मित्रों के साथ रेशमी बालुका रेत में बैठते हुए रुद्रयश बोला-'मैं तो बच गया...' मेरे पिताजी को भी पता लग गया था परन्तु मैंने उन्हें अपनी बातों में फंसा लिया।' अच्छा, उस योजना का क्या हुआ। 'अच्छा अवसर हस्तगत हुआ है। इस नगरी की प्रख्यात नर्तकी सौभाग्यपुर के राजा के पास गई है...... राजा उसे दस हजार सोनैयों से पुरस्कृत करेगा..." विविध आभूषण भी उसे प्राप्त होंगे..' एक साथी ने कहा। 'सौभाग्यपुर यहां से कितना दूर है?' 'लगभग चालीस कोस दूर है तथा वहां गंगा-मार्ग से भी पहुंचा जा सकता हुं...किन्तु हम सौभाग्यपुर जाएं, यह उचित नहीं होगा।' रुद्रयश ने कहा। 'सौभाग्यपुर कहां जाना है! हमें तो यहां से दस कोस की दूरी पर कदंब घाट पर ही जाना है... नर्तकी नीलमणी आज से छठे दिन सोमवार को प्रात: वहां से प्रस्थित होगी। नाविकों की गणना के अनुसार नर्तकी सायंकाल कदंबघाट के पास आ जाएगी और वहां विश्राम करेगी....... और फिर रात्रि के दूसरे प्रहर में वहां से प्रवास शुरू करेगी और प्रात:काल यहां आ पहुंचेगी।' 'यदि सोमवार को वहां से नहीं चलेगी तो?' 'यह तो निश्चित कार्यक्रम है' साथी बोला। 'और यदि कदंबघाट पर न रुक कर सीधा यहीं प्रवास करे तो? विलंब हो जाए तो..?' ऐसे तो गणना ठीक कर ली गई है...... यदि गंगा में कोई विघ्न आ जाए तो विलंब हो सकता है, अन्यथा सोमवार को सायं कदंबघाट पहुंचने के समाचार मुझे प्रामाणिक स्रोत से प्राप्त हुए हैं...... फिर केशव को हम सौभाग्यपुर भेज दें..... वह हमें सही समाचारों से अवगति दे देगा।' रुद्रयश विचारमग्न हो गया। कुछ क्षणों बाद वह बोला-'अवसर तो ठीक है .... परन्तु नीलमणी के साथ बड़ा काफिला है और संभव है साथ में दो-चार रक्षक भी होंगे।' 'हम सभी बारह साथी हैं...... शस्त्र भी हमारे पास होंगे ..... और इस लूट पूर्वभव का अनुराग / ४३
SR No.032422
Book TitlePurvbhav Ka Anurag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2011
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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