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________________ विद्यमान न्यूरोन हमारे चिन्तन - क्रिया के आधार भूत तत्त्व हैं। यह समानान्तर दो गोलार्डों में विभक्त है। प्रत्येक गोलार्द्ध शरीर के दूसरी ओर के समस्त ऐच्छिक क्रिया-कलापों, संचालकों का नियंत्रण करता है। बृहद्मस्तिष्क सुपर कम्प्यूटर है। इसमें लगभग बीस हजार चीप्स हैं। हम केवल 10 प्रतिशत का ही उपयोग करते हैं। तर्क, गणित, भाषा के विकास में बायां पटल सक्रिय रहता है। अनुशासन, सहिष्णुता, समरसता, संयम, उदारता आदि में दायां पटल का योगदान है। अध्यात्म के विकास में भी यहीं पटल सहयोगी है। दोनों संवेदनों के विश्लेषण में संलग्न रहते हैं तथा शरीर के परिपार्श्व की सारी परिस्थितियों के संदर्भ में शरीर की अपेक्षाओं की देखभाल करते हैं।48(ख) बृहद्मस्तिष्क के गोलार्डों के तल पर चेतक और अवचेतक हैं। चेतक मध्यरेखा के समीप है। यह सिर, धड़, हाथ - पैरों के समग्र संवेदनात्मक सूचनाओं को ग्रहण कर आवश्यक कार्यवाही करता है तथा उन्हें बृहद्मस्तिष्क प्रान्तस्था एवं सुषुम्ना तक पहुंचाता है। अवचेतक चेतक के नीचे अवस्थित है। हमारे शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक स्थितियों में यह महत्त्वपूर्ण कड़ी है। इसके मुख्य कार्य हैं . (1) हृदयगति और रक्तचाप का नियमन। (2) तापवृद्धि एवं तापहानि का नियंत्रण। (3) आहार की मात्रा, भोजन - प्रणाली का नियमन। (4) जल के ग्रहण एवं विसर्जन का नियमन। (5) सजगता एवं निद्रा का उत्प्रेरण। (6) काम-वृत्ति का उद्दीपन। (7) मनोवृत्तियों (क्रोध,ज्ञान, भय आदि) का नियमन।48(ग). पश्च मस्तिष्क- यह लघु मस्तिष्क एवं मस्तिष्क डण्डी का संयुक्त रूप है। यह बृहद् मस्तिष्क के नीचे तथा मस्तिष्क के नीचे पीछे की ओर है। शरीर के संतुलन और सूक्ष्म संचालन में लघु-मस्तिष्क का नियंत्रण रहता है। मांसपेशियां अनावश्यक संकुचन न करे तथा बृहद् मस्तिष्क के आदेश का उचित रूप से पालन करे, यह सारा दायित्व लघु-मस्तिष्क पर है। मध्य मस्तिष्क, नि:सेतु एवं आयताकार अन्त:स्था या सुषुम्ना शीर्ष इन तीनों का संयुक्त नाम ही मस्तिष्क डण्डी है। शारीरिक हलन - चलन से सम्बन्धित अनेक नियोजक केन्द्र इसमें है। नि:सेतु श्वेत द्रव्य से निर्मित है और प्रसारण केन्द्र के रूप में कार्य करता है।48(घ) 330 अहिंसा की सूक्ष्म व्याख्याः क्रिया
SR No.032421
Book TitleAhimsa ki Sukshma Vyakhya Kriya ke Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaveshnashreeji
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2009
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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