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________________ कार्य संपादन में विभिन्न तंत्रों का योगदान होता है। इनका संगठित रूप ही मानव शरीरसंरचना का आधार है। तंत्रों की रचना और क्रिया निम्नानुसार है। तंत्र दस हैं (1) अस्थि तंत्र श्वसन तंत्र (2) पेशी तंत्र पाचनतंत्र (3) त्वचातंत्र (4) तंत्रिका तंत्र (5) रक्तपरिसंचरण तंत्र (6) (7) क्रिया और शरीर-विज्ञान (8) उत्सर्जन तंत्र (9) ग्रंथि तंत्र ( 10 ) प्रजनन तंत्र (1) अस्थि तंत्र - अस्थि तंत्र (कंकाल तंत्र) 206 अस्थियों से निर्मित है। यह कोमल ऊतकों को सुरक्षा एवं सहारा देने में आधार भूत गतिशील ढांचा है। जहां दो या दो से अधिक अस्थियां मिलती है, वहां जोड़ या संधि बनती है, हलन चलन वहीं होती है। यदि अस्थियों में जोड़ या संधि का अभाव होता तो हम प्रतिमा की भांति गतिहीन बन जाते। अस्थियों को मुख्य रूप से चार भागों में विभक्त किया गया है- (अ) सिर की अस्थियां (ब) धड़ की अस्थियां (स) भुजा की अस्थियां और (द) पैर की अस्थियां अधिकांश अस्थियां भीतर से पोली है। इनमें महत्त्वपूर्ण लाल रक्त कणों का उत्पादन होता रहता है। केल्सियम, फास्फोरस, आइरन जैसे रसायन भी इनमें रहते हैं ये अस्थियों को मजबूती प्रदान करते हैं। अस्थियों की वृद्धि 20 से 23 वर्ष की आयु तक होती हैं। कंकाल तंत्र 327
SR No.032421
Book TitleAhimsa ki Sukshma Vyakhya Kriya ke Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaveshnashreeji
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2009
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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