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________________ संदर्भ सूची : 1. प्रमाण मीमांसा; पृ. 61 2. तत्त्वार्थसूत्र; 5/28 3. भगवती भाष्य; 1 / 3 / 133 4. पाश्चात्य दर्शन का ऐतिहासिक विवेचन; पृ. 141 5. योग भाष्य; 3 / 13 6. स्वतंत्र चिन्तन; पृ. 2/4/15 7. भगवती; 25/350 8. पाश्चात्य दर्शन का ऐतिहासिक विवेचन; पृ. 35 9. पाश्चात्य दर्शन का ऐतिहासिक विवेचन; पृ. 36 10. द लिमिटेशन्स ऑफ साइन्स; पृ. 140 11. भगवई भाष्य; 5 / 150 परमाणु पोग्गले णं भंते ! एयति वेयति चलति फंदह घट्टइ खुब्भइ उदीरइ तं तं भावं परिणमति ? गोयमा ! सिय एयति वेयति जाव तं तं भावं परिणमति, सिय नो एयति जाव नो तं तं भाव परिणमति ॥ 12. भगवई; 5/169 असंखेज्जं कालं ति असंख्येय कालात्परः पुद्गलानामेकरूपेण स्थित्यभावात्।, पृ.196 13. प्रज्ञापना; मलयवृत्ति; पत्रांक 3/2/22 14. जैन सिद्धांत दीपिका; 1 / 15 संश्लेषः - बंधः । अयमपि प्रायोगिकः सादि: वैस्रसिकस्तु सादिरनादिश्च । 15. तत्त्वार्थ सूत्र; 5/33 16. वही; 5/34 17. भगवई; 8/345 18. वही; 8/346 19. वही; 8 / 375 20. वही; 8 / 348 20. (ख) भगवती वृत्तिपत्र, 395 21. प्रज्ञापना; 3/2/22 22. तत्त्वार्थसूत्र; 5/36 23. वही, 5/35 308 अहिंसा की सूक्ष्म व्याख्याः क्रिया
SR No.032421
Book TitleAhimsa ki Sukshma Vyakhya Kriya ke Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaveshnashreeji
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2009
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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