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________________ 150.अंगुतर निकाय; 1/10/12 151.गीता; 4/40 152. हिस्ट्री आफ फिलोसॉफी; पृ. 287 153.भगवती जोड़; 1/7/134-139 154.भगवई; 10/56 155. भगवई; 10/6 156.सूत्रकृतांग; 2/2/75 157.सूत्रकृतांग; 2/2/7, 23,71 158.पंचसंग्रह; पृ.105 गा. 74, भगवई श.1 पृ. 59 से उद्धृत 159.भगवई; 1/35 160. भगवती वृत्ति; 1/71 161.पण्णवणा, पद; 22 162. भगवती वृत्ति; 1/71 163.तत्त्वार्थ सूत्र भाष्य; पृ. 6/6 164.वही; 6/6 165.तत्त्वार्थ सूत्र; 6/7 166.भगवई भाष्य; 5/6/128-132 167.वही; 3/140 168.भगवई; 3/3/140-142 मंडिअ पुत्ता ! पुव्विं किरिया, पच्छावेदणा णो पुव्विं वेदना, पच्छा किरिया। 169.वही; अस्थि णं भंते ! समणाणं निगंथाणं किरिया कज्जइ ? हंता अत्थिा कहण्णं भंते ! समणाणं निग्गंथाणं किरिया कज्जइ ? मंडियापुत्ता ! पयाय पच्चया जोग निमित्तं च। 170. ठाणं; 4/92-95 171. तत्त्वार्थसूत्र; 8/1 172.पञ्चसंग्रह (दिगम्बर) चतुर्थ अधिकार शतक' गा;77 पृ.105 118 अहिंसा की सूक्ष्म व्याख्याः क्रिया
SR No.032421
Book TitleAhimsa ki Sukshma Vyakhya Kriya ke Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaveshnashreeji
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2009
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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